व्यवस्था के अभाव में दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं
थांदला, अग्निपथ। जिले की चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं से क्षेत्र की जनता परेशान है। बावजूद इसके शासन-प्रशासन स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने के दावे करता है। प्रशासन के दावे उस समय खोखले नजर आते हैं जब मरीज या उनके परिजन सुविधाओं के अभाव में लाचार हो जाते हैं और अपनी व्यवस्था स्वयं करने के लिये मजबूर हो जाते हैं।
ताजा मामला नगर के सिविल अस्पताल में उपचार करवाने ग्राम बोयड़ी से आए 70 वर्षीय बुजर्ग लिमजी डामोर का है। जिसे उसके परिजनों को हास्पिटल में एक्स रे मशीन खराब होने के चलते अस्पताल के स्ट्रेचर पर लैटाकर निजी एक्सरे मशीन पर ले जाना पड़ा। घायल वृ़द्ध के परिजनों ने बताया कि दादा को बेल ने मारकर गिरा दिया था, जिससे उनकी पसलियों सहित शरीर के अन्य भागों में चोट आई थी। उनको लेकर परिजन सुबह उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए थे। ड्यूटी पर कार्यरत डाक्टर ने सुबह साढ़े सात बजे मरीज को देखकर एक्स रे करवाने की सलाह दी।
हास्पिटल की एक्स रे मशीन जो की काफी पुरानी होकर अधिकतर बिगड़ी हुई रहती है, जिस वजह से बुजुर्ग के परिजनों को निजी एक्स रे सेंटर पर एक्स रे करवाने हेतु भेजा गया। हद तो तब हो गई जब मरीज के परिजन स्वयं स्टेचर चलाकर एक्सरे केन्द्र तक पहुंचे। मंगलवार हाटबाजार होने से भीड़ होने के बावजूद भी मरीज को स्टैचर पर एक्सरे के लिये ले जाना मानवीयता के लिये भी शर्मनाक है जबकि अस्पताल में एंबुलेंस व वार्ड बाय होने के बाद भी परिजन को स्टेचर धकाना पड़ा। ऐसे दृश्य लचर स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक अक्षमताओं की पोल खोलते नजर आते हैं।
कोविड काल में भी उठी थी डिजिटल एक्स रे मशीन की मांग
कोरोना की लहर चरम पर थी और उस समय एक्स रे सहित सिटी स्कैन सहित ऑक्सीजन की सख्त आवश्यकता थी। तब नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अत्याधुनिक डिजिटल एक्स रे मशीन की मांग नागरिकों ने संसद सहित जिले आए कोविड प्रभारी मंत्री कलेक्टर सभी से हुई, किंतु नागरिकों की यह मांग कोरोना काल में और न उसके बाद पूरी हो सकी। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को इस तरह स्ट्रेकचर धकेल कर उठाना पड़ रहा है।