उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की सवारी शुरू होने से पहले महापौर के साथ बड़ी संख्या में भाजपाई कार्यकर्ता भी मंदिर के सभामंडप में प्रवेश करने का प्रयास करने लगे। लेकिन उनको नवागत एडीशनल एसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवार द्वारा रोकने का प्रयास किया जाने लगा। यहां पर उनका भाजपा नेताओं से विवाद भी हुआ। स्टापर बेरिकेड को धकेलकर भाजपा नेताओं ने सभामंडप के पूजा स्थल पर घुसने का प्रयास किया। लेकिन पहचान नहीं होने के चलते उनको एडीशनल एसपी द्वारा रोक दिया गया। ऐसे में भाजपा नेताओं से उनकी हाटटॉक भी हुई।
हजारों की भीड़, बेरिकेड धकेलने का प्रयास
महाकाल घाटी चौराहा पर जब पालकी पहुंची तो भगवान की एक झलक पाने के लिए भक्त चौपहिया वाहनों के उपर चढ़े हुए थे। वहीं नीचे बेरिकेड के पीछे भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को उतावले होकर इसे धकेलने का प्रयास करते रहे। लेकिन पुलिस और नगर सुरक्षा समिति द्वारा गिरने से रोकने के प्रयास किए जाते रहे। यही हाल अमूमन पालकी के हर मार्ग पर देखने को मिला। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ सवारी मार्ग पर एकत्रित होकर पालकी की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखी।
रिमझिम बारिश के बीच जलाभिषेक
यहां से सवारी परम्परागत मार्ग से होकर रामघाट पहुंची। रिमझिम बारिश के बीच रामघाट पर विधि-विधान से बाबा महाकाल की पालकी का पूजन हुआ और मनमहेश का जलाभिषेक किया गया। पूजन पुजारी आशीष गुरू एवं अन्य पुरोहितों द्वारा करवाया गया। जलाभिषेक के उपरांत पालकी महाकालेश्वर मन्दिर के लिये रवाना हुई। इस अवसर पर नवनिर्वाचित महापौर मुकेश टटवाल, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, कलेक्टर आशीष सिंह, अपर कलेक्टर अवि प्रसाद, एडीएम संतोष टैगोर, विवेक जोशी, विशाल राजौरिया एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
इन मार्गों से होकर पहुंची पालकी
भगवान महाकाल की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंची। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: शाम 7.30 बजे श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंची।
साधनासिंह-विजयवर्गीय दर्शन को पहुंचे
श्रावण मास के पहले सोमवार की सुबह की भस्मारती में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हुए। उन्होंने गर्भगृह में भगवान महाकाल का जलाभिषेक भी किया। प्रतिवर्ष की भांति पहले सोमवार को मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधनासिंह भी भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंची। दोपहर 2 बजे के लगभग उन्होंने भगवाल महाकाल का दर्शन पूजन कर अभिषेक किया।