मक्सीरोड पर अपराधी पिता-पुत्र का मकान और ढाबा भी अधूरा तोड़ा
उज्जैन,अग्निपथ। पुलिस प्रशासन व नगर निगम गैंग ने गुरुवार को तीन जगह मकान तोडऩे की कार्रवाई की। मक्सीरोड पर आदतन बदमाश पिता- पुत्र के ढाबा व मकान पर जेसीबी चलाई। लेकिन अतिरिक्त विश्व बैंक कॉलोनी में चूक कर दी। यहां टीम फरार अपराधी की जगह उसकी विधवा बहन को बेघर करने पहुंच गई। नगर निगम की गलती से सप्ताह में दूसरी बार हुई चूक से मुहिम पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
अपराधी के मकान पर स्टे, बहन की झोपड़ी पर कार्रवाई
अतिरिक्त विश्व बैंक कॉलोनी निवासी रितेश लोधी उर्फ लोडिंग पर 25 गंभीर अपराध दर्ज है। उसने काली कमाई से दो मकान बनाए, वर्ष 2018 से हत्या के केस में सजा होने पर फरार हो गया। पुलिस प्रशासन को उसके मकान तोडऩा थे। नगर निगम को उसके मकानों की जानकारी निकालने के आदेश दिए थे। दो मकान पर स्टे होने का पता चला। उसकी बहन के मकान का पता चला तो गुरुवार दोपहर करीब 1.15 बजे भारी फोर्स के साथ गैंग ने पहुुंचकर कार्रवाई शुरू कर दी। इसी दौरान पुलिस को मालूम पड़ा कि घर लोडिंग के जीजा सोनू का है, जिसकी मौत हो चुकी है। उसकी विधवा बहन फैक्ट्री में नौकरी कर बेटी के साथ रहती है। यहां प्रभारी कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव भी पहुंच गए और हकीकत बता कर तोडफ़ोड़ रुकवाई। तब तक उसका शेड तोड़ चुके थे। टीआई अजीत तिवारी ने बताया कि मकान लोडिंग के नाम से है। वह पूर्व में यहीं रहता था।
पड़ोसी के चक्कर में बदमाश का मकान जमींदोज नहीं
पुलिस प्रशासन दोपहर करीब 2 बजे पंवासा निवासी अशोक बैस के ठिकाने पर पहुंचा। कार्रवाई की वजह अशोक पर 4 और उसके पुत्र कुलदीप व पंकज पर 11-11 केस है। निगम गैंग द्वारा मक्सीरोड स्थित दो मंजिला ढाबे पर जेसीबी चलाने की तैयारी देख बैस ने परिजनों के साथ विरोध का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद सीएसपी पल्लवी शुक्ला, टीआई मुनेंद्र गौतम के आगे उनकी नहीं चल पाई। नतीजतन निगम गैंग ने ढाबे पर जेसीबी चला दी। बाद में गली में स्थित बैंस के मकान को जेसीबी ने तोडऩा शुरू कर दिया। दीवारों को ढहाने के बाद ही समीप के मकानों को नुकसान होने की संभावना देख निगम ने कार्रवाई रोक दी। हालांकि बैस का ढाबा व मकान काफी हद तक नेस्तानाबूत कर दिए गए। सीएसपी शुक्ला ने बताया कि अब तक उनके अनुभाग में बदमाशों के करीब दो दर्जन मकान तोड़े जा चुके हैं।
पहले मांगना पड़ी थी माफी
सर्वविदित है पुलिस प्रशासन 18 नवंबर से बदमाशों के मकान तोडऩे की मुहिम चला रहा है जो सराहनीय भी है, लेकिन नगर निगम की वजह से 17 दिसंबर को भी चूक हुई थी। निगम ने तोपखाना निवासी सटोरिए मंजूर उर्फ चकवा के मकान की जगह उसके भाई की मकान मालकिन सायरा बी का रिकार्ड निकाल लिया था। फोर्स के दम पर पहुंची गैंग ने भारी विरोध के बावजूद सायरा बी के मकान में तोडफ़ोड़ भी शुरू कर दी थी, लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस को माफी मांग कर पीछे हटना पड़ा था।