सामान्य श्रद्धालुओं का प्रवेश निर्गम द्वार से करवा कर कार्तिकेय मंडपम में प्रवेश दिये जाने के चलते उपजी स्थिति
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर और निर्माल्य गेट पर विस्तारकरण कार्य के अंतर्गत कार्य किया जाना है। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने सोमवार को सामान्य श्रद्धालुओं का प्रवेश शंख द्वार से बंद कर निर्गम गेट से कर दिया। ऐसे में अगस्तेश्वर मंदिर से लेकर कार्तिकेय मंडपम तक बेरिकेड लगा दिए जाने से जूना महाकाल और यहां पर स्थिति अन्य छोटे मंदिर तक श्रद्धालुओं का का प्रवेश बंद हो गया।
यहां के ब्राह1ण हाथ पर हाथ धरकर बैठे हैं। यह काम लंबा चलेगा इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाना होगी कि यहां के पंडे पुजारियों की आजीविका भी सुचारू रूप से चलती रहे।
अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में पीएम मोदी का आगमन संभावित है। ऐसे में मंदिर विस्तारीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर परिसर के शहनाई गेट से लेकर पुराने कंट्रोल रूम तक की बिल्डिंग जमींदोज की जाकर समतलीकरण कार्य किया जाएगा। ऐसे में सामान्य श्रद्धालुओं का शंख द्वार से प्रवेश प्रतिबंधित करना पड़ा है।
निर्माल्य गेट पर भी कार्य का आगाज होना है। ऐसे में सोमवार को सामान्य श्रद्धालुओं का शंख द्वार से प्रवेश बंद कर निर्गम गेट से शुरू कर दिया गया।
जूना महाकाल, बाल हनुमान मंदिर का रास्ता बंद
कार्तिकेय मंडपम के पीछे के बड़े गेट से लेकर अगस्त्येश्वर मंदिर और यहां से सप्तऋषि तक दोनों ओर से बेरिकेडिंग कर इसके बीच से श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। कार्तिकेय मंडपम की सीढिय़ां उतारकर यहां से श्रद्धालुओं को पूर्व की ही तरह गणपति मंडपम के बेरिकेड से दर्शन करवाए जा रहे हैं। ऐसे में जूना महाकाल, अगस्त्येश्वर, सप्तऋषि, बाल हनुमान, सती माता मंदिर, यज्ञशाला तक जाने का मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन कर वापसी में देवासगेट वाली धर्मशाला से एम्बुलेंस वाले रास्ते से बाहर निकाला जा रहा है।
इनका कहना है
इन मंदिरों की दर्शन की व्यवस्था सुचारू करते हैं। -गणेश कुमार धाकड़, प्रशासक मंदिर
पीएम के आने से पहले मूर्ति खंडित
पीएम का आगमन होने से पहले ही शंख द्वार के सामने कोरिडोर में स्थित शेषनाग के नीचे विराजित शिव की प्रतिमा खंडित हो गई है। शेषनाग के 8 फनों में से एक फन टूट गया है। निर्माण एजेंसी को संभवत: इसका संज्ञान नहीं होगा। लेकिन गौर से देखने वालों को यह खंडित मूर्ति दिखाई दे रही है। ज्ञातव्य रहे कि हिन्दू धर्म में खंडित मूर्ति को दुर्घटना और हादसों का कारण भी माना जाता है।