उज्जैन, अग्निपथ। जमीन बंटवारे के नाम रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गये पटवारी को विशेष न्यायालय ने चार साल बाद शनिवार को चार साल की सजा सुनाई है।
24 जनवरी 2018 को लोकायुक्त की टीम ने रतलाम जिले के ताल में रहने वाले रामसिंह सिसौदिया की शिकायत पर नागदा तहसील के पटवारी शैलेन्द्र जैन को जमीन बंटवारे के नाम 11 हजार की रिश्वत लेते रंगहाथ पकड़ा था।
पटवारी ने 33 हजार मांगे थे। पहली किश्त के रुप में रिश्वत लेते लोकायुक्त ने उसे गिर तार कर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 एवं 13 (2) में प्रकरण दर्ज कर 14 मार्च 2019 को अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था। चार साल से अधिक चली सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश ने पटवारी को चार साल की सजा और 22 हजार अर्थदंड से दंडित किया है।
पटवारी को ट्रेप करने में तत्कालीन निरीाक अंमित पंवार की भूमिका रही थी। पटवारी को निजी कार्यालय राजस्व कालोनी महिदपुर रोड से पकड़ा गया था। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. तथा मुकेश कुन्हारे एडीपीओ द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया।