कोरोना काल कई व्यवस्थाओं को बदल चुका है। कुछ बहाल होने लगी है और कुछ बिना किसी जायज कारण के ही प्रतिबंधित है। ऐसा ही कुछ भगवान महाकालेश्वर की भस्मारती दर्शन की अनुमति के साथ भी हो रहा है। लॉकडाउन के साथ महाकाल मंदिर में प्रवेश और सभी तरह के दर्शनों पर प्रतिबंध लग गया था।
अब धीरे-धीरे दर्शन व्यवस्था पहले की तरह लागू होती जा रही है। मंगलवार को महाकाल मंदिर की प्रबंध समिति ने प्रतिदिन दर्शन करने वालों की संख्या भी बढ़ाकर २८ हजार कर दी है। यानी महाकाल मंदिर में कोरोना काल में भीड़ के प्रवेश की इजाजत है। महाकाल मंदिर समिति का यह अच्छा निर्णय है, लेकिन इसके साथ ही भगवान महाकाल की विश्व प्रसिद्ध भस्मारती के दर्शन की अनुमति का निर्णय क्यों टाला गया।
अगर प्रशाासन को भय है कि आरती के दौरान भीड़ एक जगह जमा होने से कोरोना संक्रमण फैल सकता है तो आरती के चलित दर्शन की अनुमति तो दी ही जा सकती है। इससे भीड़ भी नहीं बढ़ेगी और अधिक संख्या में दर्शनार्थी बाबा महाकाल को निहार सकेंगे। इसके साथ ही महाकाल मंदिर का अन्न क्षेत्र भी शुरू करना चाहिए। जब हर गतिविधि को अनुमति है तो फिर भस्मारती दर्शन से क्या परेशाानी।