इंदौर पुलिस से बोला- मैं अपनी मौत चाहता हूं, इसलिए यह कदम उठाया
इंदौर/नागदा जंक्शन, अग्निपथ। राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी देने वाले को नागदा से गिरफ्तार कर लिया गया है। इंदौर क्राइम ब्रांच को उसकी कई दिन से तलाश थी। नागदा पुलिस की सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम वहां पहुंची और उसे पूछताछ के बाद इंदौर लेकर आई। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मेरा कोई नहीं है। मैं अपनी मौत चाहता था, इसलिए मैंने यह कदम उठाया।
18 नवबंर को सपना संगीता पर गुजराती स्वीट्स की दुकान पर एक धमकी भरा लेटर पहुंचा था। लेटर में एक बीजेपी विधायक के नाम के साथ तीन मोबाइल नंबर लिखे हुए थे। साथ ही एक युवक के आधार कार्ड की फोटो कॉपी थी। पुलिस शुरुआत में उसे पंजाब के करनाल से आना मान रही थी।
आधार कार्ड पर मिले नंबरों से मिला सुराग
मोबाइल नंबरों के आधार पर ज्ञानसिंह ऑटो ड्राइवर, भागीरथ और मेहताब सिंह को संदेह के आधार पर पकड़ा था। वहीं इस तरह के लेटर में धमकाने के मामले में दया सिंह उर्फ प्यारे सिंह पिता भगवान सिंह के नाम की जानकारी सामने आई थी। जो पहले रतलाम में ठहरा हुआ था। वह अकेला है और लंगर में रहकर अपना गुजर बसर करता था। इसलिए इंदौर क्राइम ब्रांच ने उसकी फोटो अन्य थानों को दी थी। गुरुवार को नागदा पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। इसके बाद नागदा पुलिस ने इंदौर के अफसरों को जानकारी दी।
होटल में खाना खाते समय पकड़ाया
नागदा थाना प्रभारी श्याम चंद्र शर्मा ने बताया कि इंदौर क्राइम ब्रांच से उन्हें एक फोटो मिला था। फोटो के आधार पर नागदा पुलिस पिछले कुछ दिनों से उसे तलाश रही थी। गुरुवार को पुलिस को दोपहर 2 बजे सूचना मिली कि इस हुलिए वाला व्यक्ति नागदा में बाईपास पर एक होटल पर खाना खा रहा है। पुलिस मौके पर पहुंची और उस व्यक्ति को पकडक़र थाने ले आई है। इस व्यक्ति का नाम दया सिंह पिता भगवान सिंह जाति सिख है। व्यक्ति के पास मिले आधार कार्ड पर पता उत्तर प्रदेश के रायबरेली का है। वार्ड नंबर 24 छोटी होसियाना का निवासी बताया जा रहा है। इंदौर क्राइम ब्रांच में जो नाम बताया था वही नाम वह व्यक्ति अपना बता रहा था।
आरोपी बोला-जिंदगी से परेशान होकर उठाया यह कदम
आरोपी दयासिंह उर्फ प्यारेसिंह (70) के खिलाफ जूनी इंदौर थाने में मामला दर्ज किया गया था। आरोपी को लेने जूनी इंदौर थाने के एसआई दीपक जामोद व आरक्षक विनित सिंह नागदा पहुंचे। एसआई दीपक जामोद के मुताबिक आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके परिवार में कोई भी नहीं है। उसका रायबरेली का मकान भी टूट गया। वह मौत चाहता है, इसलिए उसने यह कदम उठाया।
आरोपी यूपी के रायबरेली का रहने वाला है। वह कॉमर्स से ग्रेजुएट है और कई वर्षों तक पंजाब के विभिन्न गुरद्वारे में लंगर बनाने का कार्य किया। आरोपी दयासिंह को पेंटिग का शौक है। उसके पास से पुलिस को मिले दो बैग में पेटिंग की दो कॉपी भी मिली और कई पत्र भी मिले। आरोपी नागदा से महाराष्ट्र के नांदेड़ में गोदावरी नदी के तट पर बने एक आश्रम में जा रहा था। वह इंदौर, जबलपुर, दिल्ली में कई वर्षों तक रहा है।
छत्तीसगढ़ के सीएम को भी दी थी धमकी
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने पूर्व भी कई राजनेताओं को धमकी दी थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व रतलाम के विधायक को भी धमकी भरा पत्र लिख चुका है। पुलिस को जो दस्तावेज उसके पास से मिले है। उसमें डाक घर के कोरे पत्र व कई मोबाइल नंबर भी मिले है।
चार अलग-अलग टीमों को जांच के लिए भेजा था
एसीपी जोन-4 दिनेश अग्रवाल ने बताया कि राहुल गांधी को मिली धमकी के बाद चार अलग-अलग टीमों को जांच के लिए भेजा गया था। इसमें से एक टीम को उत्तरप्रदेश रवाना किया जाना था। हालांकि लेटर में मिले मोबाइल नंबर को ट्रैक करने के आधार पर ही जांच दल भेजे जाना था। लेटर में दिए गए नंबरों की जब ट्रू-कॉलर पर जांच की गई तो नंबर उसी नाम से मिले जो पत्र में दिए गए हैं। इसमें एक ज्ञानसिंह और बाकी नंबर मेहताब सिंह व एसआई एफपी डी जमरा और रामसिंह के नाम से आ रहे थे। एक टीम को उज्जैन भेजा गया था।