तहसीलदार और वकीलों के बीच हुई तीखी नोंकझोंक
नागदा, अग्निपथ। तहसील न्यायालय में शुक्रवार की शाम को वकीलों एवं तहसीलदार के बीच एक प्रकरण की सुनवाई को लेकर तीखी बहस हो गई। लगभग 30 मिनट तक तहसील न्यायालय में हंगामा चलता रहा, तहसीलदार द्वारा प्रकरण में विधि सम्मत कार्य करने का आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ।
तहसीलदार सर्वेश यादव के न्यायालय में मोतीसिंह और शवजी के बीच रास्ते को लेकर सुनवाईचल रही थी, शुक्रवार की शाम को अभिभाषक विनोद रघुवंशी का पक्ष सुने बिना तहसीलदार ने एक निर्णय पारित कर दिया था, जिसको लेकर वकीलों में विरोध के स्वर उभर गए थे। अभिभाषक रघुवंशी ने मामले से अभिभाषक संघ के अध्यक्ष विजयसिंह वर्मा व सदस्यों को अवगत कराया, तहसीलदार द्वारा विधि अनुरुप निर्णय नहीं लिया, जिससे पक्षकारों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
अभिभाषकों ने तहसीलदार यादव ने विधि अनुसार कार्य करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया, लगभग तीस मिनट तक तहसील न्यायालय में हंगामा चलता रहा। अभिभाषकों ने आदेश को संशोधित कर दोबारा प्रतिपरीक्षण के लिए लगाने की बात कहीं, तहसीलदार ने प्रतिपरीक्षण करने के निर्देश संबंधित कर्मचारियों को दिए, इसके बाद मामला शांत हुआ।
अभिभाषक नरेंद्रसिंह सिसोदिया ने आरोप लगाया कि अनाधिकृत व्यक्ति तहसील न्यायालय में काम कर रहे है। इस दौरान अभिभाषक ओमप्रकाश मेतवासा, राजेश तिवारी, पूर्वी शर्मा, कमल मालवीय, शॉकेब कुरैशी, अब्दुल पठान, जैना श्रीमाल, सुशील मरमट, शैलेंद्रसिंह चौहान, राजकुमार मिमरोट, सुशील मोदी, अनोखीलाल सिसोदिया, राधेश्याम सोनी, माधुरी रघुवंशी, अनिल शर्मा, नितिन जैन, देवेंद्र रघुवंशी, गोपाल देवड़ा आदि मौजूद रहे।
रास्ते के विवाद को लेकर चल रहे प्रकरण में बिना पक्ष सुने तहसीलदार ने निर्णय दे दिया था, जिसको लेकर विरोध दर्ज कराया, तहसीलदार ने गलती स्वीकार की और आदेश संशोधित कर प्रतिपरीक्षण के लिए फाईल लगाई गई।
– विनोदसिंह रघुवंशी, अभिभाषक
प्रकरण की सुनवाई को लेकर कुछ अभिभाषकों ने विरोध दर्ज कराया था, जिसको लेकर फाईल दोबारा प्रतिपरीक्षण पर लगाई गई है।
– सर्वेश यादव, तहसीलदार नागदा