देवास, अग्निपथ। नगर निगम कर्मचारी जगदीश सोलंकी का बुधवार रात हृदयाघात से आवासनगर स्थित निवास में निधन हो गया। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार करने से पहले उनके बेटे देवेंद्र सोलंकी ने शिक्षा के महत्व को प्राथमिकता देते हुए पहले बारहवीं की परीक्षा दी। 12वीं का छात्र पिता की मौत हो जाने पर भी परीक्षा देने पहुंचा। बाद में पिता की अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। घर में परिजनों ने अंतिम विदाई की तैयारी की, उधर बेटा परीक्षा देकर लौटा फिर मुखाग्नि दी। कहीं न कहीं पिता के सपने को पूरा करने के लिए बेटा ने ये निर्णय लिया।
मामला देवास शहर के आवास नगर का है। बताया गया कि आवासनगर में रहने वाले नगर निगम कर्मचारी जगदीश सोलंकी का बीती रात हृदयाघात से निधन हो गया। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार करने से पहले उनके बेटे देवेंद्र सोलंकी ने शिक्षा के महत्व को प्राथमिकता देते हुए पहले बारहवीं की परीक्षा दी। देवेंद्र का हिंदी का पेपर बरोठा रोड स्थित बीसीएम स्कूल में था। वहां से लौटकर अंतिम यात्रा की तैयारियां शुरू की गईं।
परीक्षा सेंटर पर बात करते हुए बेटे देवेंद्र का कहना है कि मैं पेपर देने आया हूं, कल रात मेरे पिता का हार्टअटैक से देहांत हो गया है। पर मैंने शिक्षा धर्म को प्राथमिकता देते हुए परीक्षा देने पहुंचा हूं। फिर जाकर मुखाग्नि दूंगा। देवेंद्र के परिवार से जुड़े सदस्य ने बताया कि बेटे ने कहीं न कहीं पिता का सपना पूरा करने के लिए ऐसा कदम उठाया है। पिता हमेशा चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर अच्छे मुकाम पर पहुंचे। घर में मातम पसरा हो। पिता की मौत रात में हो गई हो और इकलौते बेटे को अगले दिन सुबह 12वीं का एग्जाम देना हो तो बड़े जिगर वाला बेटा भी हौसला तोड़ दे।
देवेन्द्र के जज्बे को देखकर हर कोई हैरान है। सब उसकी हिम्मत की तारीफ कर रहे है। इतनी कम उम्र में उतना बड़ा दु:ख लेकर परीक्षा देना बहुत जिगर वाला ही कर सकता है। हर कोई देवेन्द्र के जज्बे को सलाम कर रहा है।