नववर्ष के दूसरे रविवार 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए महाकाल दर्शन, लड्डू काउंटरों पर खत्म हुई प्रसादी
उज्जैन, अग्निपथ। नववर्ष के दूसरे रविवार को भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ी। पंडे-पुजारियों को आ रही परेशानियों के मद्देनजर रविवार से उनको दो रसीद यजमानों को दर्शन कराने के लिए उपलब्ध कराई जाने लगी है। लड्डू काउंटर पर भी सुबह से लेकर शाम तक भीड़ उमड़ी। शाम तक लड्डू प्रसादी की किल्लत हो गई थी। आनलाइन बुकिंग दोपहर में ही फुल हो चुकी थी। लगभग 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।
महकालेश्वर मंदिर में शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। दूसरे रविवार को भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उसी तरह से उमड़ी जिस तरह से पहले रविवार को उमड़ी थी। सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान महाकाल के दर्शन को उमड़ती रही। महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण, शंख द्वार और वीआईपी गेट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई दिखाई दी। वीआईपी गेट पर प्रोटोकॉल और 250 टिकट वाले दर्शन करते रहे। इसी तरह से शंख द्वार पर श्रद्धालुओं के लाइन निर्गम गेट तक पहुंच गई थी। मैसेज और टिकट देखकर श्रद्धालुओं का प्रवेश दिया जाता रहा। शंख द्वार पर मैसेज धारी श्रद्धालुओं की दो लाइनें चलाई जा रही थी।
दोपहर तक ऑनलाइन अनुमति फुल
नवम्बर माह में आयोजित मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में 12 हजार ऑनलाइन बुकिंग सीट बढ़ाकर 28 हजार कर दी गई थी। पहली बार नववर्ष के दूसरे रविवार को यह सभी सीटें दोपहर 2.10 बजे तक फुल हो गई थीं। श्रद्धालुओं की सेम डे बुकिंग नहीं हो रही थी और श्रद्धालु 250 रुपए का टिकट लेकर भगवान महाकाल के दर्शन को जाते रहे। इस दौरान जमकर टिकट बिके।
लड्डू काउंटरों पर प्रसादी हुई खत्म
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के उपरांत श्रद्धालु मंदिर प्रांगण स्थित लड्डू काउंटर नंबर 2 और 4 पर उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लड्डू काउंटर से होते हुए ओंकारेश्वर मंदिर तक पहुंच गई थी। लड्डू प्रसाद सुबह 9 बजे तक काउंटर नंबर- 2 पर 2.5 लाख रुपए तक के बिक गए थे। शाम 4 बजे तक सभी काउंटरों पर लड्डू खत्म हो चुके थे। यह समस्या नववर्ष के पहले दिन भी पैदा हुई थी।
नगाड़ा गेट-नंदीहाल में भीड़
सुबह से ही प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए नगाड़ा गेट पहुंचते रहे। यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार प्रवेश के लिए जमा होती रही। नंदीहाल में श्रद्धालु खड़े होकर दर्शन करते रहे, जिसके चलते पीछे से दर्शन करने वाले आम श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन सही तरह से नहीं हो पा रहे थे।
दो रसीद सुविधा प्रारंभ
महाकालेश्वर मंदिर के नंदीहाल में पुजारी-पुरोहितों को अपने श्रद्धालुओं को ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि उनका रसीद सिस्टम कोरोना के दौर में एक तरह से समाप्त हो चुका था। रविवार को सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी ने पुजारी-पुरोहितों की परेशानियों का निदान करते हुए उनके प्रतिदिन दो-दो दर्शन रसीद उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। दो रसीद से पुजारी-पुरोहित अपने यजमानों को नंदीहाल में प्रवेश करवा कर दर्शन करवा सकेंगे।