महाकालेश्वर मंदिर में एक और बदलाव की जरूरत
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्था में एक छोटा सा बदलाव करना और आवश्यक है। ताकि आम आदमी भी भगवान महाकाल पर जल चढ़ा सके।
महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा धीरे-धीरे व्यवस्थाओं में कई बदलाव किये गये हैं जो कि जनहित मे उचित हैं। जिसमें एक प्रमुख निर्णय है आम लोगों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति। दोपहर के समय आम आदमी को भगवान महाकाल तक पहुंचने का मौका मिलता है, जिससे वो खुद को धन्य समझता है। इसके पहले ऐसा लगता था कि गर्भगृह तक सिर्फ पहुंच या पैसे वाले को ही एंट्री मिलेगी। हालांकि गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति तो मिल गई लेकिन आम दर्शनार्थी के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव अभी भी जारी है। लोगों का कहना है कि उन्हें महाकाल तक जल लेकर नहीं जाने दिया जा रहा है। फूल-प्रसादी, जल आदि पूजन सामग्री उनसे बाहर ही ले ली जाती है।
जल तो ले जाने दीजिए
दर्शनार्थियों का कहना है कि भले ही फूल-प्रसादी बाहर ही रख ली जाये, लेकिन साथ लाया जल तो अंदर ले जाने दिया जाये। दूर दूर से आने वाले दर्शनार्थी अलग-अलग पवित्र नदियों का जल लेकर आते हैं। लेकिन जब यह जल उनसे बाहर ही छीन लिया जाता है तो वे मायूस हो जाते हैं। कई दर्शनार्थी सुरक्षा कर्मियों से विनती भी करते हैं कि महाकाल तक जल तो पहुंचाने दीजिए।
मंदिर के अंदर जलाभिषेक का खेल
गर्भगृह के अंदर विराजित पंडे-पुजारियों द्वारा जलाभिषेक का खेल भी जमकर चल रहा है। वे अंदर ही जल और लोटा लिये बैठे रहते हैं। जो भी दक्षिणा दिखाता है उसे तुरंत जल से भरा लोटा थमा देते हैं।
व्यवस्था में बदलाव की दरकार
मंदिर समिति को आम दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश के साथ ही भगवान पर जल चढ़ाने की अनुमति भी देना चाहिए। अगर ऐसा लगता है कि जल अंदर ले जाने में व्यवस्था बिगड़ सकती है तो पहले की तरह पाइप लाइन लगाकर दूर से ही दर्शनार्थी को जलाभिषेक का मौका दिया जा सकता है।