एनएसयूआई ने कुलसचिव के फोटो पर कालिख पोती, रिलीव करने की मांग

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का दूसरी बार शासन से स्थानांतरण आदेश के बाद भी रिलीव नही करने पर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। एनएसयूआई ने कुलसचिव डॉ.पौराणिक के फोटो पर कालिख पोत दी। हालांकि कुलपति ने आदेश का पालन करना की बात कही है। इस दौरान विश्वविद्यालय मेें हुए भ्रष्टाचार को लेकर नारेबाजी भी हुई।

विक्रम विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का 28 दिसंबर 2022 के बाद दूसरी बार 12 अप्रैल 2023 को स्थानांतरण आदेश आया है। पौराणिक के स्थान पर इंदौर विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ.प्रज्वल खरे को पुन: प्रभारी कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय पदस्थ किया है।

गुरूवार को एनएसयूआई के प्रदेश सचिव प्रीतेश शर्मा, जिलाध्यक्ष अंबर माथुर के साथ छात्रों ने प्रशासनिक भवन पहुंचकर हंगामा कर दिया। छात्र नेताओं का कहना था कि शासन ने ही जब कुलसचिव का दो बार स्थानांतरण होने के बाद भी कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पांडे रिलीव नही कर रहे है। जबकि विश्वविद्यालय में अन्य उप कुलसचिव भी मौजूद है, जिन्हे चार्ज दिया जा सकता है।

हंगामें के बीच ही छात्रों ने मुख्य चैनल गेट पर कुलसचिव डा. पौराणिक के फोटो पर कालिख पोतकर फोटो को जूते से मारा। छात्र नेताओं ने कुलपति को शासन के आदेश की कॉपी देकर आदेश का पालन कराने को कहा है। प्रदर्शन के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर जमकर नारेबाजी हुई।

अतिथि विद्वानों की नियुक्ति में किया भ्रष्टाचार

युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव बबलू खींची ने कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे को ज्ञापन देकर अथिति विद्वानों की नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार का मामला उठाया। ज्ञापन में कहा गया कि विश्वविद्यालय में नियमित शिक्षकों के अतिरिक्त 91 अतिथि विद्वानों के कार्यरत रहते हुए विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार एवं पद का दुरुपयोग कर विजिटिंग विद्वान के फर्जी पद बनाकर नियुक्ति प्रदान की गई है, जिन्हे 500 प्रति कालखण्ड की आड़ में प्रतिदिन1500 रूपए का भुगतान किया जा रहा है।

भारत अध्ययन केन्द्र पर मात्र 11 विद्यार्थियों जिनसे प्रतिमाह लगभग 25 हजार की आय की होती है। यहां पर नियुक्त 3 विजिटिंग विद्वानों जिनमें एक मात्र एमए के आधार पर ही नियुक्त है और दो अन्य कर्मचारी को लाखों रुपयों का मासिक भुगतान भ्रष्टाचार पूर्वक किया जा रहा है। इस प्रकार क्रीड़ा विभाग में भी फर्जी विजिटिंग विद्वानों की नियुक्ति से लाखों रुपये का प्रतिमाह नुकसान विश्वविद्यालय को हो रहा है। इस दौरान एनएसयूआई के संदीप पंवार, सुमित राजौरिया,अखिलेश अस्तेय मौजूद थे।

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