कुलसचिव को घेरा, आंदोलन की चेतावनी
उज्जैन, अग्रिपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के करीब 80 से अधिक कर्मचारी 18 महीने पहले स्थायी कर्मी हो चुके हैं। इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें वेतन, दैनिक वेतन भोगी का ही दे रहा है। सब्र टूटने के बाद कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ कर्मचारियों ने कुलसचिव को घेरा तो फाइल आगे बढ़ी है।
विक्रम विश्वविद्यालय के करीब 80 कर्मचारियों को 3 अगस्त 2021 की कार्यपरिषद बैठक में स्थायीकर्मी किया गया था। इसके बाद 10 अगस्त को प्रशासन विभाग से स्थायीकर्मी के आदेश भी हो गए थे। इसके बाद से सभी कर्मचारी स्थायी कर्मी के वेतन का इंतजार कर रहे हैं।
18 महीने बाद भी सुनवाई नहीं होने पर बुधवार को तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ के सचिव संतोष मालवीय, महासंघ के पदाधिकारी राजेश ठाकुर, लक्ष्मीनारायण संगत के साथ कर्मचारियों ने कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक का घेराव कर स्थायीकर्मी का वेतन देने की मांग रखी।
इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि यदि फाइल आगे नहीं बढ़ाई तो सभी कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरने पर बैठेंगे। कुलसचिव डॉ. पौराणिक ने फाइल लेकर प्रशासन विभाग को टीप देने के लिए मार्क की है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि स्थायीकर्मी का वेतन नहीं दिया गया तो महासंघ से चर्चा के बाद आंदोलन शुरू किया जाएगा।
अनुकंपा नियुक्ति के चार महीने बाद भी वेतन नहीं मिला
विक्रम विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिलने के बाद तो हालत और खराब होती जा रही है। अब हालत यह है कि चार महीने से नौकरी कर रहे अनुकंपा नियुक्ति वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारी रोज ही टालमटोल रवैया अपना रहे हैं। यहां तक कि कार्य परिषद के सदस्य की भी नहीं सुनी जा रही है। वहीं, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को ही 10 तारीख के बाद वेतन दिया गया। कर्मचारियों का कहना है कि गैर जरूरी भुगतान प्रतिदिन हो रहे है, लेकिन कर्मचारियों के वेतन को नए कारण बता कर रोक रहे हैं।