दोपहर में भाई पहुंचा तो पता चला
उज्जैन, अग्निपथ। शहर से बाहर गये परिवार के घर भाई पहुंचा तो चोरी का पता चला। पुलिस मौके पर आई और जांच के बाद मामले में प्रकरण दर्ज किया। परिवार के लौटने पर चोरी हुए सामान का आकंलन किया जाएगा।
इंदिरानगर में रहने वाला सुरेश पिता गणपतसिंह प्रायवेट जॉब करता है। बुधवार शाम परिवार के साथ धार्मिक यात्रा पर निकला था। शुक्रवार दोपहर क्षेत्र में ही रहने वाला भाई नरेन्द्र पहुंचा तो दरवाजा खुला दिखाई दिया। मेनगेट पर ताला लगा हुआ था। उसने अंदर देखा तो सामान बिखरा हुआ था। अपने साथ रहने वाली मां को मामले की सूचना दी।
बेटे सुरेश के घर की चाबी लेकर पहुंची मां ने दरवाजा खोला अंदर पहुंची। चोरों ने छत के टॉवर का दरवाजा तोडक़र वारदात को अंजाम दे दिया था। चोरी की सूचना पर चिमनगंज थाना पुलिस पहुंची और जांच शुरु की। सुरेश के भाई और मां ने बताया कि परिवार के आने पर ही चोरी हुए सामान का पता चल पाएगा। पुलिस ने मामले में मां मुन्नीबाई की शिकायत पर अज्ञात चोरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
पर्स चोरी करने वाले बदमाशों की नहीं हुई पहचान
उज्जैन, अग्निपथ। कार का कांच फोडक़र पर्स चोरी करने वाले 2 बदमाशों के फुटेज सामने आने के पांच दिन बाद भी पुलिस पहचान नहीं कर पाई है। दोनों बदमाशों के हरिफाटक ब्रिज से आगररोड तक के फुुटेज मिले थे।
नीलगंगा थाना क्षेत्र के हरिफाटक ब्रिज मार्ग नसीब होटल के सामने 9 अप्रैल की रात सार्थकनगर में रहने वाले महेन्द्र बोरिया की कार का कांच फोडक़र 2 बदमाशों ने लेडिस पर्स चोरी कर लिया था। जिसमें सोने के आभूषण और मोबाइल रखा हुआ था। वारदात के बाद पुलिस को बदमाशों के फुटेज मिले थे। जिसमें दोनों का चेहरा साफ दिखाई दिया था। बदमाश हरिफाटक से फ्रीगंज ब्रिज होते हुए आगररोड तक पहुंचे थे।
पुलिस पर्स में रखे मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर रही थी दो दिन बाद कचरा बीनने और मजदूरी करने वाले के पास से पर्स मिल गया था। जिसमें मोबाइल रखा था, लेकिन आभूषण गायब थे। मजदूर ने बताया था कि उसे पर्स आगररोड अ बे माता मंदिर के पास पड़ा मिला था। जिसमें रखे मोबाइल की घंटी बज रही थी। वह मोबाइल चिमनगंज थाने लेकर पहुंचा था।
टीआई तरुण कुरील के अनुसार फुटेज के आधार पर पर्स चोरी करने की पहचान के प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही दोनों की पहचान कर ली जाएगी।