उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने शनिवार को ताबड़तोड़ प्रोटोकाल कार्यालय तो बदल दिया लेकिन जरूरी सुविधाएं जुटाना जरूरी नहीं समझा। मानसरोवर भवन के एक दालान में दफ्तर को शिफ्ट कर दिया गया। मंदिर का प्रोटोकाल कार्यालय ऐसा है जहां पर कर्मचारियों के लिए न तो ठीक तरह से बैठने की जगह है और न ही रसीद बनाने के लिए कंप्यूटर आदि को उचित ढंग से रहने की व्यवस्था। बिजली की व्यवस्था भी यहां ठीक नहीं है।
रविवार को ही दोपहर में करीब तीन घंटे से अधिक यहां बिजली बंद रही और इस दौरान पंखे आदि बंद होने से कर्मचारी भी परेशान हो गये। ऐसे में यहां प्रोटोकाल की रसीद भी नहीं बन सकी।
सुविधाघर में नल ही नहीं-मानसरोवर भवन में स्थित शौचालय गंदे पड़े हैं। क्योंकि यहां पर पानी की व्यवस्था नहीं है। शौचालयों में नल की टोटियां भी नहीं लगी है। ऐसे में पानी के बिना कोई शौचालय का उपयोग भी नहीं कर सकता। पेयजल की भी परेशानी बनी हुई है।
गंदगी का आलम, मशीन से सफाई की जरूरत
मानसरोवर भवन मंदिर समिति ने करोड़ों रुपए खर्च कर बनाया है, लेकिन लंबे समय से उपयोग होने के कारण इसका रखरखाव ठीक से नहीं हो पा रहा है। मानसरोवर के अंदर रोज मशीन से सफाई की आवश्यकता है। ऐसे तो नियमानुसार मंदिर प्रांगण में भी मशीनों से सफाई का प्रावधान है। लेकिन मशीनों का उपयोग कहीं नहीं होता। इस कारण मंदिर प्रांगण में भी उचित सफाई नहीं हो पाती। दो-तीन कर्मचारी सिर्फ हाथ झाड़़् के सहारे ही सफाई में लगे रहते हैं।