चायना डोर कहां से आई..!

जैसा कि आशंका थी, वैसा ही हुआ। पतंगबाजी में उपयोग की गई चायना डोर ने दर्जनभर से अधिक लोगों को गंभीर रूप से घायल कर लिया है। कुछ की तो जान पर बन आई। मकर संक्रांति के एक महीने पहले से ही मीडिया ने प्रशासन को इसके बारे में चेताना शुरू दिया था कि जानलेवा चायना डोर मार्केट में बिकना शुरू हो गई है।

उस वक्त प्रशासन ने संज्ञान लिया लेकिन सिर्फ चेतावनी देकर कुछ नहीं किया। बाद में हो-हल्ला मचा तो प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और अधिकतर लोगों तक चायना डोर पहुंच चुकी थी। कार्रवाई में भी प्रशासन सिर्फ एक-दो व्यापारी को पकड़ पाई, जबकि बेचने वाले दर्जनों थे।

समय पर कार्रवाई नहीं होने के कारण मार्केट से घर-घर पहुंची चायना डोर आज मकर संक्रांति पर सडक़ पर आई और अपना असर भी दिखाया। चाकू-तलवार सी तेज धार की तरह असर दिखाने वाली इस चाइना डोर ने कुछ युवाओं के गले इस कदर काटे कि उनकी जान पर बन आई। कई वाहन चालकों के चेहरे कुरूप हो गए तो कुछ के नाक-कान कट गए और गंभीर घायल हो गए। अगर प्रशासनिक अमला समय पर जाग जाता तो आज इस स्थिति से बचा जा सकता था।

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