कोयला फाटक, गोपाल मंदिर चौड़ीकरण मामला ठंडे बस्ते में

उज्जैन,अग्निपथ। पिछले काफी समय से गोपाल मंदिर कोयला फाटक चौड़ीकरण का मामला सुर्खियों में रहने के बाद अचानक ठप हो गया है। इसको लेकर कई तरह की अटकलों का बाजार गर्म है। परंतु इसके पीछे प्रमुख कारण जो उभरकर सामने आए हैं उसके मुताबिक मुआवजे की वजह से यह मामला टाल दिया गया है। साथ ही अभी नगर निगम की माली हालत ऐसी नहीं है कि वह इस लंबे चौड़े मार्ग का चौड़ीकरण कर निर्माण कार्य कर सकें।

शहर का विकास हो यह नगर निगम की शुरू से ही मंशा रही है। इसी तारतम्य में क्षेत्रीय लोगों की मांग रही कि कोयला फाटक से गोपाल मंदिर तक मार्ग चौड़ीकरण किया जाना चाहिए। इस आशय के प्रस्ताव को राज्य शासन द्वारा पूर्व में ही हरी झंडी दी जा चुकी है। दीपावली के पूर्व से ही चौड़ीकरण को लेकर काफी हो हल्ला मचाया गया था। मार्ग चौड़ीकरण के समर्थन और विरोध में भी क्षेत्रीय लोगों के सामने आने के बाद यह मामला काफी सुर्खियों में आ गया था। परंतु पिछले काफी दिनों से अचानक यह मामला पूरी तरह गायब सा हो गया है।

नगर निगम के द्वारा इस मार्ग का 30 फीट चौड़ा किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में सडक़ 15 फीट के लगभग है।सडक़ के दोनों ओर साढ़े 7-7 फीट रोड चौड़ीकरण के लिए दोनों ओर से दुकाने और मकानों का टूटना था।बताया जाता है कि नब्बे प्रतिशत क्षेत्रीय मकान मालिक ने नगर निगम को अपनी ओर से लिखित में भी सहमति प्रदान कर दी थी। परंतु दुकानदारों के विरोध की वजह से यह मामला सुर्खियों में आ गया था। नगर निगम सूत्रों के अनुसार यह मामला हाल फिलहाल टाल दिया गया है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि राज्य शासन द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है।

चौड़ीकरण से प्रभावित हो मुआवजा मिलने के अभाव में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से स्थानीय स्तर पर विचार विमर्श के बाद इस मामले को अभी बंद कर दिया गया है। कोयला फाटक से गोपाल मंदिर चौड़ीकरण में करोड़ों रुपया निर्माण कार्य में लगाया जाना था।

स्मार्ट सिटी की ओर से ओटलों के लिए निर्माण कार्य किए जाने का प्रावधान है। मार्ग चौड़ीकरण करने के लिए हाल फिलहाल नगर निगम की माली हालत ऐसी नहीं है कि चौड़ीकरण के इस बड़े प्रोजेक्ट को वह हाथ में लेकर शुरू कर सके। इसी वजह से इस मार्ग पर हाल फिलहाल मामला ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है। इधर भाजपा सूत्रों के अनुसार इस वर्ष नगर निगम के चुनाव भी संभावित है। इसी वजह से लोगों में चौड़ीकरण को लेकर मुआवजा न मिलने की वजह से किसी कारण से आक्रोश भी पैदा ना हो। एसी चर्चा है कि इसी आक्रोश से बचने के लिए चौड़ीकरण का मामला टाल दिया गया है।

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