पंचायत के लिए एमपीआरडीसी से मांगी अनुमति आपत्ति के बाद कर दिया ले आउट स्वीकृत
पेटलावद (बुरहानुद्दीन बोहरा)-कहते है पैसा भगवान नही लेकिन भगवान से कम भी नही है ग्राम पंचायत बामनिया के मुख्य चौराहे पर बनी दुकानों का मामला भले ही हाई कोर्ट में चल रहा है लेकिन स्थानीय स्तर पर कागजो में हुवे घाल मेल, हेरा फेरी और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मामला केवल अवैध निर्माण का नही हो कर आफ दी रिकॉर्ड शासकीय और एमपीआरडीसी की भूमि बेच कर आम जनता के जीवन को खतरे में डालने का भी है । ग्राम पंचायत बामनिया के विवादित सर्वे नंबर 144 मामले में नित्य नए-नए प्रमाणित दस्तावेजों के साथ में खुलासे समाचार पत्रों में किए जा रहे हैं जिसमें भ्रष्ट कार्यशैली की पहचान बनाने वाले तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद मालवीय जो वर्तमान में झाबुआ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पद पर पदस्थ है उनके कार्यकाल के भ्रष्टाचार के चौंकाने वाले खुलासे प्रमाणित दस्तावेजों के साथ मे हो रहे है ।
पैसों की माया के आगे सब नत्मस्तक ,निर्माण की अनुमति के लिए पंचायत की और से एसडीएम मालवीय ने लिखा पत्र
किसी भी निर्माण की अनुमति के लिए निर्माण एजेंसी को निर्माण संबंधित कार्यवाही पूर्ण करनी होती है ,लेकिन अधूरे दस्तावेजो के साथ एसडीएम कार्यालय पहुँची ग्राम पंचायत ने तत्कालीन एसडीएम मालवीय ने बिचौलिया बन कर हर सम्भव मदत की और निर्माण एजेंसी को निर्माण के लिए ले आउट स्वीकृत कर दिया। संभवतः राजस्व पेटलावद का ये पहला ममला है जब एसडीएम स्तर के अधिकारि ने किसी निर्माण के लिए निर्माण की अनुमति देने की बजाए ले आउट की अनुमति बिना ग्राम पंचायत की निर्माण के लिये प्रक्रिया को पूर्ण किये दे दी। तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद मालवीय द्वारा दिनांक 27.2.2020 को कार्यालय पेटलावद से मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एमपीआरडीसी इंदौर धार को ग्राम पंचायत की विवादित दुकान निर्माण की अनुमति देने के लिए पत्र लिखा गया पत्र में तत्काल पत्र प्राप्त होने के साथ अनुमति प्रदान करने के निर्देश एमपीआरडीसी को दिए गए थे जो नियम विरुद्ध है क्यों की जिस किसी निर्माण एजेंसी को अनुमति प्राप्त करनी है तो उसके द्वारा ही संबंधित विभाग को अनुमति के लिए पत्र जारी किया जाता है लेकिन ग्राम पंचायत बामनिया द्वारा एमपीआरडीसी से अनुमति नहीं मांगी गई एवं गलत तरीके से राजस्व पेटलावद के अधिकारी द्वारा यह कृत्य किया गया जो नियम विरुद्ध था एवं पंचायती राज अधिनियम 1994 का घोर उल्लंघन संबंधित अधिकारी द्वारा किया गया।
एमपीआरडीसी इंदौर धार द्वारा स्पष्ट अपने पत्र में अनुमति देने से किया था इंकार
एससीएम कार्यालय पेटलावद द्वारा 27.2.2020 को अपने पत्र क्रमांक 761 मैं बामनिया दुकान निर्माण करने को लेकर अनुमति चाही गई थी तत्पश्चात मध्य प्रदेश रोड प्राधिकरण लिमिटेड इंदौर धार द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3263 दिनांक 9 -3-2020 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पेटलावद को यह आदेश जारी किए थे कि उक्त प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद द्वारा बामनिया में स्थित शासकीय भूमि सर्वे नंबर 144 में व्यवसायिक प्रयोजन हेतु पूर्व में अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहा गया है इस कार्यालय द्वारा आवेदन कर्ता को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 9.3.2020 को प्रकरण एम्स के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित करने के लिए लेख किया गया है पत्र के माध्यम से तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद को लिखा था किंतु राजनीतिक दवाब और आर्थिक लाभ के कारण अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सारे नियमों को ताक में रखकर के मध्य प्रदेश रोड प्राधिकरण लिमिटेड धार इंदौर दिनांक 9-3-2020 लिखे गए पत्र की जानकारी छुपाई गई एवं तत्कालीन अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार का मकड़जाल बुना जिसकी चपेट में छोटे-मोटे व्यवसाई आ गए हैं ।
एक एसडीएम ने नही दी अनुमति दूसरे ने निकाल दी गली
राजस्व विभाग में लेन देंन कर मामले निपटाने का ये कोई पहला मामला नही है , यहां कहते है जिसकी लाठी उसकी भैस उसी तर्ज पर ग्राम पंचायत बामनिया का ये काम भी हुवा है । पंचायत ने इससे पूर्व भी तत्कालीन एसड़ीएम (आईएस) हर्षल पंचोली के समक्ष मार्केट निर्माण की फाइल रखी थी लेकिन ईमानदार एसडीएम हर्षल पंचोली ने ट्राफिक की समस्या और निर्माण स्थल रोड के आसपास की भूमि के लिए शासन की तय गाइड लाइन के दायरे में होने के कारण निर्माण की अनुमति देने से मना कर दिया था लेकिन पंचोली के स्थान्तरण होने के बाद पंचायत ने फिर से दाव खेला और इस बार राजस्व विभाग की इमेज के हिसाब से सेटिंग एक ही कार्यालय से रुका कार्य दूसरे अधिकारी ने आकर नियम विरुद्ध जा कर भी कर दिया ।
देश के ईमानदार और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नाम पर कैसे खड़ा हुआ भ्रष्टाचार का मार्केट जल्द करेंगे खुलासा…….