चरक अस्पताल के कर्मचारी कह रहे जन्म प्रमाण पत्र दे चुके, बच्चों के परिजन बोले- नहीं दिया
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र को लेकर घोर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रसूताओं के परिजन अपने बच्चों को स्कूल में एडमिशन लेने के लिये जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिये यहां के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों का कहना है कि उन्होंने जन्म प्रमाण पत्र दे दिया है। जबकि बच्चों के परिजन कह रहे हैं कि उनको जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। ऐसी स्थिति में बच्चों के परिजन यहां के चक्कर काट काटकर परेशान हैं, लेकिन उनको सही जवाब नहीं दिया जा रहा। हालांकि मामले की जानकारी के बाद आरएमओ ने उनको डुप्लीकेट जन्म प्रमाण पत्र निकलवाने की सलाह जरूर दी है।
चरक अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित रूम नंबर-36 में जन्म प्रमाण पत्र और जननी सुरक्षा के चेक बनाये जाते हैं। बच्चों के स्कूल जाने का समय शुरू हो चुका है। अब यहां पर जन्म प्रमाण पत्र लेने वाले परिजनों के चक्कर लगना शुरू हो गये हैं। गुरुवार को भी यहां पर दो बच्चों के परिजन आये और मौजूद बाबू अभिजीत सिसौदिया और भृत्य रामचरण सुनहरे से जन्म प्रमाण पत्र देने की मांग करने लगे। रामचरण ने बच्चों के परिजनों से कहा कि आपको प्रमाण पत्र दे दिया गया है। सबूत के तौर पर उसने जन्म प्रमाण पत्र रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर भी दिखा दिये। इसके बावजूद बच्चों के परिजन अपनी जिद पर अड़े रहे। उनका कहना था कि जन्म प्रमाण पत्र उनको नहीं दिया गया है।
डिस्चार्ज लैटर पर प्रमाण पत्र लेने की सील
इधर बच्चों के परिजन सादिक भाई निवासी ग्राम गोयला बुजुर्ग ने बताया कि उनको प्रसूता के डिस्चार्ज लैटर पर सील ठप्पा लगा दिया गया था और कहा गया था कि यही जन्म प्रमाण पत्र है। लिहाजा बच्चे के बड़ा होने तक तो वे इसको ही जन्म प्रमाण पत्र मानकर चलते रहे। लेकिन जब स्कूल में एडमिशन करवाने के लिये जन्म प्रमाण पत्र मांगा गया तो फिर से चरक अस्पताल आना पड़ा। उनको कोई भी जन्म प्रमाण पत्र जैसा कागज नहीं दिया गया था। वहीं दूसरे बच्चे के परिजन का भी यही कहना था।
एफिडेविट करवाओ तक मिलेगा डुप्लीकेट
मामले की जानकारी लगने पर आरएमओ डॉ. निधि जैन जन्म प्रमाण पत्र कक्ष में पहुंची और रजिस्टर दिखाकर कहा कि दोंनो बच्चों के परिजनों के इसमें हस्ताक्षर हैं। लिहाजा दोनों जन्म प्रमाण पत्र ले जा चुके हैं। बच्चों के परिजन गुलाबी जन्म प्रमाण पत्र की मांग करते देखे गये। लेकिन अब सफेद रंग का जन्म प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इसकी जानकारी उनको नहीं थी। लिहाजा आरएमओ डॉ. जैन ने मामले के निपटारे के लिये दोनों की बच्चों के परिजनों से एफिडेविट देने को कहा ताकि उनको डुप्लीकेट जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जा सके।
कर्मचारियों ने नहीं दी परिजनों को जानकारी
मामले को लेकर बच्चे का पिता सादिक भाई ने कहा कि उनके डिस्चार्ज लैटर पर जन्म प्रमाण पत्र जारी किया….का सील ठप्पा लगा दिया गया था लेकिन उनको जन्म प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था। तीन से चार चक्कर जन्म प्रमाण पत्र लेने को लेकर लगा चुका हूं। लेकिन यहां का कोई भी कर्मचारी सही सलाह नहीं दे रहा है। यही बात दूसरे बच्चे के परिजन ने भी दोहराई। लेकिन कम से कम बाबू अभिजीत और चपरासी रामचरण को तो बच्चों के परिजनों को समझाना चाहिये था कि डुप्लीकेट जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिये वकील से एफिडेविट करवा कर लाओ।
बच्चों के परिजनों से डुप्लीकेट जन्म प्रमाण बनवाने के लिये एफिडेविट लाने को कहा गया है। ताकि उनको एडमिशन में परेशानी न हो।
– डॉ. निधि जैन, आरएमओ चरक अस्पताल