उज्जैन, अग्निपथ। शनिवार को शनि प्रदोष के मौके पर भगवान श्री महाकालेश्वर का विशेष पूजन किया गया। सोमवार को सोमवती -हरियाली अमावस्या और भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी का संयोग बन रहा है। जिसमें करीब पांच लाख लोगों के आने की संभावना है। शनिवार को श्रावण माह की शनि प्रदोष के मौके पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुय पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में परंपरानुसार विशेष पूजन, अभिषेक किया गया। शाम को भगवान को विशेष भोग लगाया गया। प्रदोष के मौके पर दर्शन करने वालों की संया भी शनिवार को मंदिर में अधिक रही।
57 वर्ष बाद सोमवती-हरियाली अमावस्या का संयोग-सावन में बाबा महाकाल की दूसरी सवारी के साथ ही सोमवती अमावस्या पर हजारों श्रद्धालु सोमतीर्थ और शिप्रा में डुबकी लगाकर बाबा महाकाल के दर्शन करेगें। इस बार 57 वर्ष बाद सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग बना है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डबावाला के अनुसार 17 जुलाई सोमवार को विशेष संयोग में सोमवती हरियाली अमावस्या का पुण्य काल आ रहा है। इसी दिन महाकाल की सवारी भी है।
इससे पहले यह स्थिति 1966 में बनी थी। तब भी श्रावण में अधिक मास के दौरान सोमवार को अमावस्या का योग बना था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस प्रकार के संयोग में साधना, उपासना, दान तथा ग्रहों की अनुकूलता के लिए श्रेष्ठ समय माना जाता है। शिप्रा में उफान-कैसे होगा स्नान-आस-पास के क्षेत्र में वर्षा होने से शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ रहा है।
कहा जा रहा है कि घाट से ऊपर पानी रहा तो सोमवार को शिप्रा घाट पर स्नान करने पर सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि सोमतीर्थ कुंड पर प्रशासन ने फव्वारे लगाए है। बाबा महाकाल की दूसरी सवारी व अमावस्या होने से प्रशासन के लिए भी भीड़ नियंत्रण करना चुनौती पूर्ण होगा।