कांग्रेस विधायक गुर्जर और चावला बोले- कलेक्टर को नागदा जिला बनाने का सहमति पत्र दिया

पत्रकारवार्ता में विधायक रामलाल और महेश परमार ने कहा, वे भी नागदा को जिला बनाने के पक्ष में

उज्जैन, अग्निपथ। कांग्रेस विधायक दिलीप गुर्जर और मनोज चावला ने कहा कि वे नागदा को जिला बनाने के पक्ष में है। शुक्रवार को उन्होंने जिला कलेक्टर को लिखित में अपनी सहमति दे दी है। उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने भी उनसे सहमति के विषय में पूछा था। इस पर उन्हें सहमति का पत्र दे दिया गया है। उक्त जानकारी उन्होंने उज्जैन में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी।

गुर्जर और चावला ने कहा कि वे नागदा, खाचरौद, आलोट, ताल तहसीलों को नागदा जिला बनाने के पक्ष में हैं। प्रस्ताव को कलेक्टर दे दिया है। अब सारा मामला राज्य सरकार के पाले में चला गया है। मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागदा को जिला बनाने की घोषणा घुमा फिराकर की है। उन्होंने घोषणा में कहा कि जो तहसील और गांव के लोग नागदा जिला में रहना चाहते हैं। वे सहमति दे और जिला बना दिया जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सिंह इससे पहले तीन बार नागदा को जिला बनाने की घोषणा कर चुके हैं। परन्तु आज तक जिला नहीं बनाया है। इस बार फिर गोलमोल घोषणा की है। सरकार नागदा को जिला बनाना ही नहीं चाहती है। इसलिए सालों से जनता के साथ छल कर रही है। इस बार भी अगर नागदा को जिला नहीं बनाया और एसपी, कलेक्टर को नियुक्त नहीं किया तो जनता आने वाले चुनाव में इसका जबाव देगी। उन्होंने कहा कि नागदा जिला बनने से मेडिकल कालेज समेत अन्य सुविधाएं जनता को नागदा में मिलने लगेगी।

उन्होंने एक सवाल के जबाव में माना कि ग्रेसिम इंडस्ट्री नहीं चाहती है कि नागदा को जिला बनाया जाए। गुर्जर और चावला ने दावा किया कि कमलनाथ की सरकार ने 2018 में केबिनेट की बैठक में नागदा को जिला बनाने के प्रस्ताव पर सर्वस मति से स्वीकृति दे दी थी। उस दौरान अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए दावे -आपत्तियां मांगे गए थे। परन्तु इस प्रस्ताव को भाजपा की शिवराज सरकार ने रोक दिया और 39 महीने से जिला बनाने के की गजट नोटिफिकेशन व दावे आपत्तियों की कार्रवाई को लंबित रखा गया। विभाग की फाइल में तो नागदा जिला बन चुका है। भाजपा सरकार दो बार नागदा को जिला बनाने के प्रस्ताव को निरस्त कर चुकी है।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार वास्तव में नागदा को जिला बनाना चाहती है तो जिस तरह की घोषणा की है। उसी तरह इसे तीन दिन में अमल में लाए और एसपी कलेक्टर को नियुक्त करे। परन्तु शिवराज की मंशा कुछ और है। इसलिए अब तक नागदा को जिला नहीं बनाया है। अगर मंशा ठीक होती तो कल उन्हें जिला बनाने की घोषणा के स्थान पर कलेक्टर और एसपी आफिस का उद्घाटन करने आते।

इस दौरान कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय ने कहा कि वे भी उन्हेल को तहसील बनाए जाने और नागदा जिला में शामिल किए जाने के पक्ष में है। प्रेसवार्ता में सहमति जताने के लिए तराना विधायक महेश परमार, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कमल पटेल, हेमंत जौहरी भी मौजूद थे।

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