मंदिर पहुंचे महापौर ने कर्मचारियों को दर्शनार्थियों से विनम्रतापूर्ण व्यवहार की अपील की
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल के मंदिर में आने वाले सभी दर्शनार्थी नंदी हाल से दर्शन करें या फिर नंदी हाल से कोई भी दर्शन नहीं करे। दर्शन में एकरुपता होना जरूरी है।
यह बात महापौर मुकेश टटवाल ने शनिवार को भगवान महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन-भ्रमण के बाद कही। महापौर ने कहा कि अभी व्यवस्था में कुछ लोग नंदी हाल में जाकर दर्शन करते हैं, जिससे कुछ श्रद्धालु की भावना आहत होती है। हम मंदिर प्रशासन से मांग करेंगे कि या तो कोई भी नंदी हाल में नहीं जाएगा या फिर सभी को नंदी हाल से दर्शन करवाए। महाकाल मंदिर में स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए बाबा महाकाल के गर्भगृह स्थित पेड़ी से सुगम दर्शन करने की मांग भी उठायेंगे।
आम दर्शनार्थियों की लाइन से पहुंचे
शनिवार को महापौर मुकेश टटवाल और एमआईसी सदस्य प्रकाश शर्मा महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने आम श्रद्धालु की तरह लाइन में लगकर मंदिर में प्रवेश किया और आम भक्तों को होने वाली असुविधा को देखा और जल्द ही महाकाल मंदिर में आने वाले भक्तों की दर्शन व्यवस्था के बदलाव के बारे में दावा किया।
प्रति मंगलवार नि:शुल्क भस्म आरती का प्रस्ताव
महापौर ने बताया कि उज्जैन वासियों के लिए प्रति मंगलवार को नि:शुल्क भस्मारती दर्शन व्यवस्था का प्रस्ताव महकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में रखेंगे।
उज्जैन वासियों को गर्भगृह की चौखट से मिले दर्शन
महापौर ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की आगामी बैठक में श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल के गर्भगृह की पेड़ी से सुगम दर्शन की मांग भी उठायेंगे। इस के लिये शनिवार को मंदिर के सहायक प्रशासक के साथ मंदिर की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया गया है।
दर्शनार्थियों के साथ विनम्र व्यवहार रखें
महापौर ने सहायक प्रशासक प्रतीक त्रिवेदी एवं मंदिर के कर्मचारियों के साथ दर्शन व्यवस्था के संबंध में बैठक ली गई एवं कहा गया कि बाहर से आने वाले श्रृद्धालुओं के साथ विनम्र व्यवहार किया जाए इसका विशेष ध्यान रखा जाए, सभी से जय श्री महाकाल का उद्बोधन किया जाए।
भोजनशाला का भी अवलोकन किया
महापौर द्वारा भोजनशाला की व्यवस्थाओं का भी अवलोकन किया गया साथ ही भोजन हेतु उपस्थिात श्रृद्धालुओं को भोजन परोसा गया साथ ही श्रृद्धालुओं से महाकाल मंदिर की व्यवस्था पर चर्चा की गई।