हंगामा होने पर पहुंचे अधिकारी ने दूसरों के मत्थे मढ़ा दोष,आरटीओ ने भरवाए फार्म
उज्जैन, अग्निपथ। महिला बाल विकास विभाग की गलती से रविवार को सैकड़ों महिला व युवतियां घंटों परेशान होती रही। वजह अधिकारी पिंक लाइसेंस शिविर की घोषणा कर आयोजन करना भूल गए। हंगामा होने पर अधिकारी खुद को बचाने के लिए दूसरों को जिम्मेदार बताते रहे। हालांकि मौके पर पहुंचे आरटीओ ने लाइसेंस प्रकिया शुरू कर लोगों को शांत किया।
नि:शुल्क पिंक लाइसेंस बनाने की सूचना पर रविवार सुबह 11 बजे से ही दशहरा मैदान पर महिला व परिजनों के साथ पहुंचने लगीं। 12 बजे तक 700 से अधिक लोग मैदान में जमा हो गए। बाजवूद लाइसेंस प्रकिया शुरू नहीं होते देख लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। हंगामे का पता चलते ही महिला बाल विकास विभाग कर्मचारियों ने वहां पहुंचकर आवेदन बांटना शुरू कर दिया।
बाद में विभाग के सहायक संचालक साबिर अहमद सिद्धिकी भी पहुंचे और बचाव के लिए सूचना जारी करने से इंकार कर दिया। बावजूद अव्यवस्था के कारण लोगों का रोष कम नहीं हुआ तो सूचना मिलते ही कलेक्टर आशीष सिंह ने आरटीओ संतोष मालवीय को पहुंचाया। उन्होंने युवतियों व महिलाओं के बड़ी संख्या में आने पर लाइसेंस बनाने का भरोसा दिलाकर स्थिति संभाल ली।
झूठी सफाई
समाचार पत्र की गलती से त्रुटिवश 31 जनवरी व दशहरा मैदान पर लाइसेंस बनाने की खबर प्रसारित हो गई,जिसके कारण लोग जमा हुए। बावजूद महिला बाल विकास विभाग और आरटीओ कर्मचारी पहुंचे और फार्म की फोटोकॉपी कर वितरित किए। -साबिर अहमद सिद्धकी, सहायक संचालक, महिला बाल विकास विभाग
बिना कारण उलझे
हमने 30 जनवरी को जीडीसी में महिलाओं के नि:शुल्क लाइसेंस बनाने के लिए शिविर लगाया था। आज लाईसेंस बनाने की कोई सूचना जारी नहीं की थी। लेकिन महिला व युवतियां इक्कठा हो गई है इसलिए लाइसेंस बना रहे है। -संतोष मालवीय, आरटीओ
विभाग ने जारी किया था प्रेसनोट
जनसंपर्क विभाग ने 29 जनवरी को महिला बाल विकास विभाग सहायक संचालक सिद्धिकी के हवाले से प्रेसनोट जारी किया था। बताया था कि 31 जनवरी रविवार 12 से 2 बजे तक पिंक ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए दशहरा मैदान पर शिविर लगाया जाएगा। 18 वर्ष से अधिक उम्र की आवेदक युवती व महिलाएं 10 वीं की मार्कशीट व आधार कार्ड की कॉपी लेकर पहुंचे।