मुख्यमंत्री की भावनाओं को साकार करने के लिए कलेक्टर का प्रशासनिक टीम को साथ लेकर भ्रमण
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं को शिप्रा के पवित्र जल से स्नान करने की भावनाओं को साकार रूप देने के लिए 9 जनवरी मंगलवार को सूर्योदय के साथ ही कलेक्टर नीरज सिंह द्वारा अधिकारियों की टीम लेकर भ्रमणकर सभी प्रमुख स्थान को देखकर शिप्रा में मिल रहे खान नदी के गंदे पानी को रोकने करोहन के तालाब के ओवरफ्लो से क्षतिग्रस्त स्टॉपडेम की मरम्मत करने एवं मोती नगर के नाले को शिप्रा में मिलने से रोकने के सख्त निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने सर्वप्रथम जूना निनौरा पर बने स्टापडेम का निरीक्षण कर स्टोरेज पानी की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर ग्रामीणों ने अवगत कराया कि स्टापडेम वर्ष 2014-15 में सिंहस्थ के पहले निर्माण कराया था, परन्तु इसकी देखभाल समय पर अधिकारियों द्वारा नहीं की जाती है। कलेक्टर ने अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।
रामघाट पर कलेक्टर द्वारा शिप्रा जल से आचमन
रामघाट पर कलेक्टर श्री सिंह के घाट पर नीचे उतरने एवं शिप्रा के जल से आचमन करते देखा सभी अधिकारी अचंभित रह गए अभी तक शिप्रा शुद्धिकरण अभियान में कभी भी किसी अधिकारी द्वारा भ्रमण में नीचे उतरकर शिप्रा के जल से आचमन नहीं किया गया आचमन कर कलेक्टर द्वारा अधिकारियों को यह संकेत भी दिया गया कि औपचारिकता नहीं वास्तविकता से काम करे।
पाइप इतना बड़ा और पानी इतना कम क्यों
कलेक्टर द्वारा यह प्रश्न साथ चल रहे पीएचई अधिकारियों से किया की नर्मदा का जल शिप्रा में मिलने हेतु पाइप इतना बड़ा एवं जल कम क्यों आ रहा है इस पर अधिकारियों ने कहा कि अभी वर्तमान में इस पाइप से प्रति सेकंड 1100 लीटर पानी आ रहा है इस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए की पानी की मात्रा बढ़ाई जाए और इस संबंध में संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाए इस जल के द्वारा ही 14 एवं 15 जनवरी मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं को स्नान कराया जाएगा नर्मदा का जल 16 जनवरी तक निरंतर शिप्रा में प्रवाह किया जाए।
भ्रमण के दौरान जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी मृणाल मीणा नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक एसडीएम उज्जैन ग्रामीण हर्ष जैन एसडीएम कोठी महल एल एन गर्ग एवं जल विभाग के अधिकारी राजीव गायकवाड एवं तहसीलदार आदि उपस्थित थे।