ग्लोरिया चिटफंड कंपनी संचालकों की संपत्ति होगी राजसात, ईओडब्ल्यू ने एडीएम को दी जानकारी

उज्जैन, देवास, धार के लोगों को लगाई थी 23 करोड़ की चपत

उज्जैन, अग्निपथ। रुपए दोगुने करने का झांसा देकर 23 हजार लोगों को करीब 13 करोड़ की चपत लगाने वाले ग्लोरिया चिटफंड कंपनी संचालकों की संपत्ति जल्द राजसात हो सकती है। ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान) ने प्रकरण के आरोपियों की संपत्ति की बुधवार को एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी को जानकारी दी है।

धार स्थित बिलोदा खुर्द निवासी धर्मेद्र धनगया व उसके परिजनों ने ग्लोरिया चिटफंड कंपनी खोलकर लोगों को राशि जमा करने पर दो साल में दोगुनी करने का लालच दिया था। भरोसे में उज्जैन, देवास, धार, झाबुआ के करीब 23 हजार लोगों ने 23 करोड़ रुपए जमा करवा दिए थे। कंपनी डायरेक्टर्स ने उक्त राशि से निजी संपत्ति बना ली और राशि नहीं लौटाने का समय आने पर भा गए। पीडि़तों की शिकायत पर वर्ष 2018 में ईओडब्ल्यू ने केस दर्ज किया था।

हाल ही में चिटफंड कंपनियों की संपत्ति राजसात की मुहिम को देख ईओडब्ल्यू नेे एडीएम के समक्ष ग्लोरिया कंपनी का प्रकरण पेश किया। एडीएम द्वारा संपत्ति की जानकारी तलब करने पर ईओडब्ल्यू एसआई पीके व्यास व एएसआई संतोष राव ने बुधवार को आरोपियों की धार स्थित करोड़ों की संपत्ति का रिकार्ड पेश कर दिया। अब एडीएम सुनवाई के बाद उक्त संपत्ति को राजसात करने का आदेश दे सकते हैं।

पांच को जेल भेजा, पत्नी सहित चार फरार

एसआई व्यास ने बताया कि धर्मेद्र ने वर्ष 2013-14 में पत्नी संतोष बाई, काका जालमसिंह, साथी नेपालसिंह व घनश्याम पंवार संहित 9 लोगों के साथ चिटफंड कंपनी बनाई। दोगुनी राशि के लालच में लोगों ने पालिसी ले ली। कंपनी बंद होने पर वर्ष 2016 में शिकायत हुई। जांच के बाद 2018 में केस दर्ज किया गया। काफी प्रयास के बाद धर्मेद्र सहित पांच आरोपी गिरफ्त में आ गए, लेकिन धर्मेंद्र की पत्नी संतोष सहित चार अब तक हाथ नहीं आए।

जागरुकता के लिए लोकायुक्त चलाएगी मुहिम

निरीक्षक राजेंद्र वर्मा ने बताया रिश्वतखोरी पर अंकुश के लिए लोकायुक्त एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने जागरुकता अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। आदेशानुसार टीम लोगों को घूस मांगने वालों की शिकायत करने के तरीके बताकर प्रोत्साहित करने की मुहिम शुरू करेगी। शिकायत के लिए जल्द वाट्सअप नंबर जारी करेंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकेगा।

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