हिंदूवादी संगठनों ने सुंदरकांड का पाठ कर जताया विरोध
उज्जैन, अग्निपथ। नागझिरी के एक स्कूल में बुधवार को हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा किया। नारेबाजी के बाद सुंदरकांड का पाठ किया गया। इन संगठनों के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि स्कूल हॉस्टल में रह रहे छात्रों को भगवान राम का नाम लेने और तिलक लगाने से रोका जाता है। ऐसा करने पर उनकी पिटाई की जाती है। हॉस्टल अधीक्षक बच्चों पर बौद्ध धर्म अपनाने के लिए दबाव डालते हैं।
मामला ज्ञानोदय स्कूल से जुड़ा है। हंगामा होते देख स्कूल के प्रभारी प्रिंसिपल लोकेंद्र शास्त्री मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से बात करने और अधीक्षक के दोषी पाए जाने पर एक्शन लिए जाने की बात कही।
बौद्ध धर्म अपनाने के लिए बनाते हैं दबाव
नागझिरी के लालपुर स्थित ज्ञानोदय स्कूल के छात्रों ने बताया, 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर हॉस्टल अधीक्षक गिरधारी मालवीय ने रैली निकालने से रोका था। वे हम लोगों पर बौद्ध धर्म अपनाने के लिए दबाव डालते हैं। भगवान का नाम लेने और टीका लगाने पर पिटाई भी करते हैं। उनकी शह पर कुछ बच्चे भगवान राम को अपशब्द कहते हैं।
हॉस्टल अधीक्षक कहते हैं- राम में क्या रखा है
एक छात्र ने आरोप लगाया- हॉस्टल में भगवान की तस्वीरों और हनुमान चालीसा को उचित तरीके से नहीं रखा जाता है। अधीक्षक मालवीय कहते हैं कि राम में क्या रखा है? हमने इसका विरोध किया को उन्होंने हमें पीटा। हमने इसकी जानकारी अपने परिवारवालों को दी। परिजनों ने बजरंग दल समेत अन्य हिंदूवादी संगठनों को मामले की जानकारी दी। अधीक्षक मालवीय की शिकायत करने और इस बर्ताव का विरोध जताने कार्यकर्ता बुधवार को स्कूल पहुंचे थे। उन्होंने स्कूल परिसर का घेराव कर नारेबाजी की। अधीक्षक पर कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया।
बजरंग दल के जिला सह संयोजक ऋषभ ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक मालवीय बच्चों को हाथ में कलावा बांधने, भगवान राम का नाम लेने के लिए मना करते हैं। हमने उनको स्कूल में बुलवाया तो वे आए ही नहीं। वहीं, प्रभारी प्रिंसिपल लोकेंद्र शास्त्री ने कहा, बच्चों को रैली निकालने से इसलिए मना किया गया था क्योंकि परीक्षा नजदीक है। इससे पढ़ाई प्रभावित होती। हॉस्टल में शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ भी हुआ था। अधीक्षक मालवीय के बारे में सक्षम अधिकारी तक बात पहुंचा दी है।