महाकाल मंदिर : तेज गर्मी शुरू, मंदिर प्रशासन ने शेड लगाने पर भी अभी तक नहीं किया विचार
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में समय रहते श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था नहीं की जाती। जिसके चलते वह परेशानी उठाते हैं। तेज गर्मी का दौर शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक श्रद्धालुओं के लिए छांव की व्यवस्था नहीं की गई है। चिलचिलाती धूप में नंगे पैर उनको अपने जूते-चप्पल लेने के लिए निर्गम गेट से लेकर शंख द्वार तक लंबी दूरी तय करना पड़ रही है।
महाकालेश्वर मंदिर में प्रशासनिक कसावट का अभाव बना हुआ है। त्वरित कार्य करने के लिए अनुभवी प्रशासनिक अधिकारियों की कमी है। फरवरी माह चल रहा है और अब सूर्य देव ने अपनी तीखी किरणों से लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस भीषण गर्मी के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निर्गम गेट से शंख द्वार स्थित जूता चप्पल स्टैंड तक पहुंचने के लिए उनको नंगे पैर लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है।
छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं परेशान हो रही हैं। किसी तरह जल्दी चलते हुए वह अपना रास्ता तय कर जूता स्टैंड पर पहुंच रहे हैं। हर वर्ष मंदिर प्रशासन द्वारा यहां पर ग्रीन शेड लगाकर नीचे मेटिंग (कालीन) बिछाई जाती है। श्रद्धालु निर्गम गेट से लेकर शंख द्वार तक इनकी छांव में पहुंचकर अपने जूते-चप्पल प्राप्त कर लेते हैं।
लेकिन इस वर्ष इस तरह की व्यवस्था का अभी तक कोई प्लान तैयार नहीं किया गया है और ना ही अधिकारियों को इस बात की जानकारी है कि श्रद्धालुओं के पैर भीषण गर्मी में जलना शुरू हो गए हैं।
मंदिर प्रांगण में भी कलीन की दरकार
मंदिर प्रांगण और जूना महाकाल स्थित प्रांगण में भी श्रद्धालु नंगे पैर यहां पर स्थित छोटे मंदिरों के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर भी कॉलीन आदि की कोई व्यवस्था नहीं जुटाई गई है। जिसके चलते उनके पैर जल रहे हैं। गर्मी का दौर एक तरह से शुरु हो चुका है। प्रतिवर्ष गर्मी के दिनों में यहां पर आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा कॉलीन पर निरंतर ठंडा पानी डालकर इसको ठंडा रखा जाता है। ताकि श्रद्धालुओं के पैरों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल सके।
शंख द्वार से गेट नं-1 तक का रास्ता खुला
शंख द्वार से श्रद्धालु जब प्रवेश करता है तो उसको नंग पैर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है। शंख द्वार से लगाकर गेट नंबर-1 तक पहुंचने के दौरान सीसी रोड से नंगे पैर चलना पड़ रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं पैर यहां पर भी जल रहे हैं। यहां पर भी मंदिर प्रशासन द्वारा शेड लगाए जाना आवश्यक है।
शिवरात्रि पर्व नजदीक
अगले मार्च माह की 11 तारीख को महाकालेश्वर के आंगन में शिवरात्रि महापर्व मनाया जाएगा। लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के इस दो दिवसीय आयोजन के दौरान दर्शन करने के लिए आएंगे। ऐसे में धूप की किरणों से बचने के लिए यहां पर शेड आदि लगाए जाना और मैटिन की व्यवस्था करना अति आवश्यक है। मंदिर प्रशासन चाहे तो श्रद्धालुओं के लिए इस प्रकार की व्यवस्था जुटाकर पुण्य लाभ कमा सकता है।