उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा नदी में मिलने वाले प्रदूषित जल के मामले में रामादल अखाड़ा परिषद के साधु-संतों द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की गई। संतों ने हेलिपेड पर मुख्यमंत्री से बात करते हुए शिप्रा नदी के जल को प्रदूषण से मुक्त करने के ठोस उपाय करने, सिंहस्थ क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माण पर सख्ती से रोक लगाने और सिंहस्थ मेला प्राधिकरण में अध्यक्ष की स्थाई नियुक्ति करने की मांग रखी।
शनिवार को रामादल अखाड़ा परिषद के साधु-संतों ने गऊघाट स्थित जगदीश मंदिर से इंदौर रोड स्थित होटल मित्तल एवेन्यू तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा की थी। यहां पहुंचकर साधु-संत सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करना चाहते थे।
इस घोषणा के कुछ ही देर बाद तमाम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने साधु-संतों से फोन पर संपर्क किया। अधिकारियों ने किसी तरह साधु-संतों को पैदल मार्च नहीं निकालने के लिए राजी किया और सीएम से हेलिपेड पर उनकी मुलाकात करवाने की व्यवस्था करवाई।
रामादल अखाड़ा परिषद के सदस्य महंत डा. रामेश्वरदास, महंत दिग्विजयदास निर्वाणी और महामंडलेश्वर ज्ञानदास महाराज ने रामादल अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि के रूप में हेलिपेड पर सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की। इन साधु-संतों ने सीएम से कहा है कि शिप्रा जल को शुद्ध रखने के लिए अब तक किए गए उपाय नाकाफी है। सरकार को इस बारे में जल्द कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो साधु-संत त्रिवेणी संगम पर अनशन और धरना करेंगे।
इसके अलावा मुख्यमंत्री से सिंहस्थ मेला प्राधिकरण में अध्यक्ष की नियुक्ति करने, सिंहस्थ क्षेत्र में अतिक्रमण को सख्ती से हटाने जैसे विषयों पर भी बात की गई। सीएम ने रामादल अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों से करीब 10 मिनिट तक बात की। उन्होंने कहा कि वे भोपाल पहुंचकर सारे ही मुद्दो पर मंथन कर संतो द्वारा उठाई गई सारी ही बातों को जल्द अमल में लाएंगे।