प्रयागराज कुंभ में अभा ब्राह्मण एकता परिषद का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित, उज्जैन से भी शामिल हुए पदाधिकारी
उज्जैन। ब्राह्मणों का संगठित होना देश और समाज दोनों के ही लिए जरूरी है। ब्राह्मण कभी किसी जाति या किसी धर्म का विरोधी नहीं है। आज भी वह, सिर्फ अपनी जाति का हित नहीं सोचता बल्कि संपूर्ण समाज और देश हित की बात करता है। देश और समाज का हित करने के लिए समाज का संगठित होना अनिवार्य है।
यह बात बनारस विश्व, विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कही। वे प्रयागराज में कुंभ के अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। विशिष्ट अतिथि महाधिवक्ता महेश चंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्मणों की मांग को हर राजनीतिक दल को स्वीकार करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित रमेश योगी ने की। संयोजन, पंडित श्याम शंकर शुक्ल ने किया, इस अवसर पर पंडित आशुतोष चौबे , केशव कृपालु जी महाराज, रेणु जी पाठक, पंडित प्रवीण मित्र, नम्रता, अंजू पांडेय,आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
मेधावी छात्रों का किया सम्मान
कार्यक्रम में समाज के मेधावी छात्र छात्राओं को लैपटॉप अतिथि गणों द्वारा प्रदान किए गये। इसके साथ ही आईपीएस पंडित जुगल किशोर तिवारी द्वारा लिखे गए ग्रंथ भगवान श्री परशुराम का जीवन वृत्त व कृतित्व का विमोचन उपस्थित अतिथि गणों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में उज्जैन से अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के प्रांतीय सदस्य डॉक्टर निर्दोष निर्भय पाठक, जिला संयोजक पंडित आशीष शर्मा, संभाग प्रभारी पंडित चंद्रेश पुरोहित, पंडित गोपाल महाकाल सहित संपूर्ण देशभर के पदाधिकारी गण इस राष्ट्रीय सम्मेलन प्रयागराज में
सम्मिलित हुए।