उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा नदी स्थित अखाड़ा क्षेत्र में साधु संतों का हरिद्वार से उज्जैन आगमन हुआ। दत्त खड़ा पर साधु संतों की बैठक आयोजित हुई। सभापति प्रेम गिरि जी महाराज ने साधु संतों को बैठक में यह बताया कि सनातन धर्म के लिए कैसे कर करना चाहिए।
कामाख्या पुत्र हिमालय गिरी कामाख्या थानापति ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक से पहले हरिद्वार से आए साधु संतों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। जिसके बाद साधु संतों ने शिप्रा नदी का निरीक्षण किया।
इस दौरान श्री जगद्गुरु पंचानन्द गिरी कामाख्या तंत्र पीठ आश्रम के द्वारा हरिद्वार से आए साधु संतों का फूलों की माला पहनकर स्वागत किया गया और साधु संतों को सम्मान व दक्षिणा देकर विदाई दी गई।
मां शिप्रा के निरीक्षण के दौरान जूना अखाड़ा के सभापति श्री महंत प्रेम गिरि जी महाराज ने कहां की आने वाला सिंहस्थ अद्भुत और अकल्पनीय होगा। शिप्रा नदी की शुद्धिकरण को लेकर प्रदेश सरकार इस पर योजना बनाकर जल्द काम करें ताकि आने वाले साधु संत स्वच्छ जल में स्नान करें सके। उज्जैन से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव है। मुख्यमंत्री के साथ साधु संतों का आशीर्वाद है और सभी साधु संतों को विश्वास है कि मुख्यमंत्री सिंहस्थ मे अच्छा कार्य करेंगे।
सिंहस्थ को अभी कुछ समय बाकी है जब तक सरकार चारों और विकास कार्य करेगी वहीं उज्जैन पहुंचने वाले साधु संत इस बार 2028 में फिर से सिंहस्थ की रौनक बढ़ाने वाले हैं। इस मौके पर जूना अखाड़ा के सभापति श्री महंत प्रेम गिरि जी महाराज, जूना अखाड़ा के संरक्षक श्री महंत हरी गिरी जी महाराज, श्री महंत पृथ्वी गिरी जी महाराज, पीर गदी के सुंदर परी जी महाराज, प्रचार मंत्री नारायण गिरी जी महाराज, रमता पन्च के श्रीमान आनंदपुरी जी महाराज, सेक्रेटरी श्रीमान रामेश्वर गिरी जी महाराज, सेक्रेटरी महेशपुरी जी महाराज, उमाशंकर पुरी जी महाराज, आदि बड़ी संख्या में साधु संत उपस्थित थे।