उज्जैन,अग्निपथ। फोटोग्राफर नीलेश शिल्के आत्महत्या केस में फरार पूर्व मंडल अध्यक्ष सहित तीन आरोपी मंगलवार को कोर्ट में पेश हो गए। चिंतामण पुलिस ने उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया है। खास बात यह है कि इनाम घोषित होने पर भी पुलिस 144 दिन में तीनों का पता नहीं लगा पाई। मामले में पुलिस को अब भी एक आरोपी की तलाश है।
अभिषेक नगर निवासी फोटोग्राफर शिल्के ने 24 सितंबर को धरमबड़ला पर सल्फॉस खाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना में सूदखोरी का केस दर्ज होने पर दौलतगंज मंडल का तात्कालीन अध्यक्ष दिग्विजयसिंह चौहान, तिरुपति एवेन्यू का रणदीप मक्कड़, रामीनगर निवासी अतुल गेहलोत, व समीर भाग गए थे। नतीजतन तात्कालीन एसपी मनोजसिंह ने पांचों पर पांच-पांच हजार रुपए इनाम घोषित किया था। बावजूद पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाई। इसी बीच 144 दिन बाद मंगलवार को चौहान, मक्कड़ व गेहलोत कोर्ट में पेश हुए तो पुलिस ने उन्हें 18 फरवरी तक रिमांड पर ले लिया। पुलिस को मामले में अब आरोपी समीर की तलाश है। याद रहे एक आरोपी विजय को पूर्व थाना प्रभारी महेंद्र मकाश्रे ने महू से पकड़ा था।
मामला एक नजर में
सर्वविदित है शिल्के ने आरोपियों से स्टूडियो खोलने के लिए सूद पर रुपए लिए थे। ब्याज सहित राशि चुकाने पर भी आरोपी धमकाकर उसका मकान बिकवाने का प्रयास कर रहे थे। इससे प्रताडि़त होकर उसने आत्महत्या कर ली थी। उसकी एक्टिवा से मिले सुसाइड नोट और परिजनों के बयान पर पुलिस ने चौहान सहित पांच पर केस दर्ज किया था। कोर्ट ने आरोपियों की संपत्ति कुर्क के आदेश दिए थे, लेकिन उनके नाम संपत्ति नहीं मिलने पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई।
ऐसे चला घटनाक्रम
- 24 सितंबर: शिल्के ने आत्महत्या की।
- 12 अगस्त : पांचों पर ईनाम घोषित।
- 13 अक्टूबर: विजय पटेल पकड़ाया।
- 9 दिसंबर : संपत्ति कुर्क के आदेश।