शब्दावली में परिवर्तन पर विशेषज्ञ विद्वानों ने किया मंथन

दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ आयोजन

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण जयंती सभागार में भारतीय ज्ञान प्रणाली और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में शब्दावली में परिवर्तन पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार-शुक्रवार को हुआ। कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के विशेषज्ञ विद्वान और शिक्षाविद शब्दावली में परिवर्तन के लिए मंथन किया।

उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। शुभारंभ अवसर के मुख्य अतिथि वक्ता प्रो. चाँदकिरण सलूजा नई दिल्ली थे। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल के संचालक अशोक कड़ेल, सारस्वत अतिथि महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. सी जी विजयकुमार मेनन, अटलबिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलगुरू प्रो. खेमसिंह डहेरिया, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग नई दिल्ली के चेयरमैन प्रो गिरीशनाथ झा, कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा थेे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए संचालक अशोक कड़ेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश राज्य में लागू हुई। इसके बाद देश के छह राज्य अध्ययन कर रहे है कि मध्यप्रदेश ने किस तरह नई शिक्षा नीति को लागू किया है। अब शब्दावली में परिवर्तन को लेकर कार्यशाला सबसे पहले विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित की गई।

कुलगुरू प्रो सीजी विजयकुमार मेनन ने कहा कि शब्दावली में परिवर्तन के लिए मंथन किया जा रहा है। यह अभिनंदनीय है। हमारा क्षेत्र भी यही है। शब्द क्या है। शब्दावली को लेकर चर्चा करते है तो समझ आता है कि हमारे आचार्यो ने शब्दो के बारे में अच्छा प्रयोग किया है। आयोजन के माध्यम से शब्दावली की स्पष्टता सामने आएगी।

शोध पुस्तिका का विमोचन

संगोष्ठी में कालिदास संस्करण शोध पुस्तिका का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शोध पत्र प्रस्तुति एवं सहभागिता के लिए विभिन्न विषय क्षेत्रों के विशेषज्ञों, अध्ययन मंडल के सदस्यों, ई-कंटेंट लेखकों, मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के लेखकों एवं प्राध्यापक शामिल किया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन और भारतीय ज्ञान प्रणाली के परिप्रेक्ष्य में शब्दावली के विकास और परिवर्तन पर विमर्श किया जाएगा। इस अवसर पर कार्यशाला के समन्वयक डीएसडब्ल्यू प्रो. सत्येंद्र किशोर मिश्रा, प्रो संदीप कुमार तिवारी, प्रो. डी डी बेदिया, प्रो. जगदीश चंद्र शर्मा सहित विभिन्न समितियों के समन्वयक एवं सदस्यगण मौजूद थे।

राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन

दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन 28 जून को अपराह्न 4 बजे हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक अशोक कड़ेल थे। अध्यक्षता कुलगुरू प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान के सचिव प्रो विरुपाक्ष जड्डीपाल थे।

Next Post

उज्जैन में बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर फोकस

Fri Jun 28 , 2024
कर्मचारियों, अधिकारियों को वायरलैस सुविधा मिली, प्रतिमाह आपूर्ति की समीक्षा होगी उज्जैन, अग्निपथ। मालवा के दूसरे सबसे बड़े शहर और संभागीय मुख्यालय उज्जैन की बिजली वितरण व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्य़ुत वितरण कंपनी इंदौर द्वारा बिजली लाइनों, ट्रांसफार्मरों, ग्रिडों की क्षमता बढ़ाने, आरडीएसएस के […]