ठेकेदार से रुपए लेकर दराज में रखे, इसी दौरान लोकायुक्त टीम ने ट्रेप किया
उज्जैन, अग्निपथ। एमपीपीएससी से सीधे चयनित होकर साल 2019 में उज्जैन में पदस्थ हुई लोक स्वास्थ्य ग्रामीण यांत्रिकी विभाग (पीएचई) की सहायक यंत्री एवं नल जल योजना की जिला प्रभारी निधि मिश्रा शांडिल्य को बुधवार दोपहर लोकायुक्त की टीम ने 60 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिर तार किया है।
मिश्रा ने पीएचई के ठेकेदार अक्षय पाटीदार से 10 लाख रुपए का बिल पास करने के बदले रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार ने पीएचई की दो टंकियों के निर्माण और नल जल योजना के काम किए हैं। इन कार्यों के बिल 2020 से पीएचई में अटके हुए हैं। क्षीरसागर निवासी ठेकेदार अक्षय पाटीदार लोकायुक्त को शिकायत की थी। पाटीदार ने साल 2020 में जल जीवन मिशन के तहत घट्टिया तहसील के गांवों में काम का ठेका लिया था। कोरोना की वजह से काम समय सीमा में पूरा नहीं हो पाया।
चार महीने की देरी होने पर पीएचई ने 10 लाख रुपए का बिल रोक लिया था। ठेकेदार का कहना है कि बिल पास कराने के लिए पीएचई विभाग के गऊघाट ऑफिस में कईं दिनों से वह चक्कर काट रहा था। इसी दौरान नल जल योजना की प्रभारी सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने उसे कहा कि बिल पास करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी को 50 हजार रुपए और देना पड़ेंगे और10 हजार रुपए उसकी स्वयं की निजी फीस होगी। जब रिश्वत की बात आई तो ठेकेदार ने लोकायुक्त से 1 जुलाई को मामले की।
लोकायुक्त एसपी ने शिकायत का सत्यापन कराया। इसके महिला अधिकारी मिश्रा को रंगे हाथों पकडऩे के लिए ट्रेप प्लान बनाया। ठेकेदार ने ऑफिस पहुंचकर सहायक यंत्री को 60 हजार रुपए दिए, जिसे उन्होंने टेबल की दराज में रख लिए। इतने में लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
डीएसपी पाठक ने बताया कि पीएचई डिपार्टमेंट में नल जल योजना के तहत घट्टिया के दो गांव में ठेकेदार अक्षय पाटीदार ने दो पानी की टंकी निर्माण का ठेका लिया था। साल 2020 में 6 महीने की अवधि के दौरान यह निर्माण कार्य पूरा होना था। लेकिन कोरोना काल और विभागीय प्रक्रिया के चलते यह कार्य चार माह की देरी से पूरा हुआ।
जिसके चलते पीएचई ने ठेकेदार का बकाया 10 लाख रुपए का भुगतान रोक दिया। इस बकाया राशि को जारी करने के एवज में अस्सिटेंट इंजीनियर द्वारा 60 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। आरोपी निधि मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
दो करोड़ का बंगला बसंत विहार में
सूत्रों के मुताबिक लोकायुक्त द्वारा पकड़ी गई पीएचई की असिस्टेंट इंजीनियर निधि मिश्रा नल जल योजना की जिला प्रभारी अधिकारी थी। वहीं ये भी जानकारी मिली है कि इनका दो करोड़ रुपए का बंगला बसंत विहार में भी है। यूपीएससी से चयनित निधि मूलरूप से राजस्थान की रहने वाली है।
संपत्ति की जांच होगी, रिश्तेदारों के खातों की जांच होगी
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि सहायक यंत्री मिश्रा मूल रूप से कोटा की रहने वाली हैं। वह साल 2019 में भोपाल से उज्जैन पदस्थ हुई। इन पांच सालों में कई घोटाले किये। जिससे वसंत विहार क्षेत्र में करीब 2 करोड़ रुपए का बंगला ाी बनवाया है। लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि मिश्रा की संपत्ति की सहित सभी पक्षों पर जांच की जाएगी