भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक की नजर इन दिनों बडऩगर पर ज्यादा लगी हुई है। विधायक जब से मंत्री बने हैं तब से अधिकांश दौरे बडऩगर में ही हो रहे हैं। महीने में कम से कम एक बार तो मंत्री की गाड़ी बडऩगर की ओर जरूर जाती है।
इसके पीछे राजनैतिक पंडित मान रहे हैं कि कभी किसी राजनैतिक समझौते के तहत मंत्री को अपनी लगातार दो बार जीतने वाली सीट छोडऩी पड़ी तो एक नई विधासभा सीट उनके लिए तैयार रहेगी। वहीं, दूसरी ओर जातिगत समीकरण बडऩगर विधानसभा सीट पर उनके पक्ष में बैठता है।
यही कारण है कि मंत्री लगातार बडऩगर क्षेत्र में अपना पसीना बहा रहे हैं। बडऩगर विधानसभा क्षेत्र को लगातार कुछ न कुछ सौगात दे रहे हैं। अपने नाम के पत्थर भी लगातार लगवा रहे हैं। मंत्री ने एक राजनैतिक समीकरण और निकाल लिया है। वह राजनैतिक समीकरण यह है कि बडऩगर में भारतीय जनता पार्टी का कोई मजबूत नेता नहीं है।
पूर्व में भी उनकी नजरें बडऩगर पर रहीं हैं। किंतु उस समय उनका सिक्का नहीं चल रहा था। वर्तमान में भोपाल ही नहीं दिल्ली में भी मंत्री का सिक्का चल रहा है और डंका बज रहा है। हालांकि आने वाला समय बतायेगा कि उनकी नजरें इनायत कितनी कारगर होंगी।