नयी पॉलिसी के तहत प्रदेश के परंपरागत उत्सव का प्रचार कर करेंगे पर्यटकों को आकर्षित
उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश का पर्यटन विकास विभाग अब प्रदेश के प्रमुख उत्सवों का प्रचार कर पर्यटकों को प्रदेश आने के लिए आकर्षित करेगा। इसमें सावन मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी भी शामिल है।
मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पर्यटकों को आकर्षित कर ही पर्यटन विभाग अपनी होटलों और प्रदेश में रोजगार बढ़ा सकता है। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के संचालक मंडल की बैठक में कहा कि प्रदेश के पारम्परिक भव्य मेलों और यात्राओं जैसे भगोरिया उत्सव, महाकाल की सवारी आदि का प्रभावी माध्यम से प्रचार किया जाये।
आधुनिक प्रचार -प्रसार के साथ पारम्परिक वाद्य यंत्रों को बजाने वाले स्थानीय कलाकारों और पारम्परिक नृत्य दलों को जोडक़र उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे स्थानीय कला और पारम्परिक नृत्यों का भी प्रचार-प्रसार होगा। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म डेवलपमेन्ट बोर्ड शिवशेखर शुक्ला ने प्रचार-प्रसार की योजना का प्रजेंटेशन भी दिया। इस पर जल्दी ही काम शुरू हो जायेगा।
पर्यटन को रोजगार बनाने पर विशेष जोर, कॉलेजों में पढ़ाई की भी योजना
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का प्रदेश मेें पर्यटन के जरिये रोजगार के साधनों को बढ़ाने पर विशेष जोर है। उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि विक्रम विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालय से जुडक़र पर्यटन क्षेत्र में रोजगारमूलक स्किल डेवलपमेन्ट कोर्स संचालित करने की योजना पर कार्य करने का कहा है। सीएम का मानना है कि इससे प्रदेश के अधिकाधिक युवा पर्यटन से जुड़ेंगे और उन्हें रोजगार भी मिलेगा।
शिवलिंग पर नागदेवता लिपटे, लोगों की लगी भीड़
उज्जैन, अग्निपथ। ढाबा रोड पर श्रीनाथजी की हवेली के समीप 84 महादेव मंदिरों में से एक ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में रविवार की दोपहर अद्भुत नजारा था। दोपहर 2.30 बजे भगवान का श्रृंगार होने के कुछ देर बाद जब भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे, तो शिवलिंग पर कोबरा सांप दिखा।
सांप करीब आधे घंटे तक लिपटा रहा, जिसे देखने के लिए भीड़ लग गई। लोगों ने इसे चमत्कार मानकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया। शिवलिंग पर कोबरा सांप भगवान की माला के रूप में लिपटा नजर आया। दर्शनार्थी राजेश राठौर ने बताया कि दोपहर को जब मंदिर पहुंचे तो देखा कि सांप भगवान शिव पर लिपटे हुए। रहवासियों ने बताया कि कुछ देर बैठने के बाद सांप जब इधर – उधर जाने लगा तो सर्प विशेषज्ञ को बुलाकर उसे पकडक़र जंगल में भेज दिया गया।