मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया कमलनाथ ने आज प्रदेशभर में बंद का आव्हान किया है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में हो रही निरंतर मूल्य वृद्धि के विरोध में बंद का आयोजन किया गया है। किन्तु ऐसा लग रहा है कि स्थानीय कांगे्रस का इससे कोई सरोकार नहीं है।
शहर और जिला कांग्रेस ने बंद को लेकर कोई ठोस जमीनी रणनीति तैयार नहीं की है। हालांकि एक दिन पूर्व वाहन रैली निकालकर औचारिकता जरूर पूरी कर ली गयी है। जबकि पूर्व में यह होता रहा है कि बंद को लेकर नेता एक दिन पूर्व विभिन्न व्यापारिक संगठनों से मुलाकात करते थे। बंद की अपील करते थे। बंद में सहयोग मांगते थे। किन्तु शहर और जिला कांग्रेस में शायद यह परंपरा अब बंद हो गयी है या फिर ऐसा भी हो सकता है कि कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को लग रहा हो कि जनता इतनी त्रस्त हो गयी है कि स्वत: ही उनका साथ देगी।
कहीं ना कहीं कांग्रेस के वर्तमान में जो कर्ताधर्ता हैं उनकी आपसी गुटबाजी के कारण कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो रहा है। अपनों से प्यार और गैरों को दुत्कार वाली स्थिति पिछले लंबे समय से कांग्रेस कार्यालय में चली आ रही है। जिसका खामियाजा आने वाले स्थानीय चुनाव में कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।