उज्जैन, अग्निपथ। ग्रामीण क्षेत्र से लौट रहे निजी बैंक कर्मचारी को शुक्रवार दोपहर तीन नकाबपोश बदमाशों ने रोका और चाकू अड़ाने के बाद बेग लूटकर भाग निकले। कर्मचारी की सूचना पर पुलिस तत्काल वारदात स्थल पहुंच गई थी। देर शाम तक बदमाशों का सुराग नहीं लग पाया था।
चिंतामण थाना प्रभारी प्रवीण पाठक ने बताया कि दोपहर एक बजे से डेढ़ बजे के बीच हासामपुरा मार्ग से आगे निजी बैंक आईडीएफसी के कर्मचारी सतीश पिता विक्रमसिंह मेवाड़ा को पीछे से बाइक पर सवार होकर आये 3 नकाबपोश बदमाशों ने रोका और चाकू अड़ाकर लात-घूसों से पीटने लगे। जमीन पर गिरते ही बदमाशों ने सतीश के पास से बेग छीना और मौके से भाग निकले।
बैंक कर्मचारी ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी साथी बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को देने के साथ पुलिस को दी। पुलिस घटनास्थल पहुंची और बदमाशों की घेराबंदी के प्रयास किये, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के मार्गो पर बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग पाया। सतीश मेवाड़ा के अनुसार बेग में तीन हजार रुपये नगद और एक टेबलेट रखा हुआ था। प्रभारी पाठक के अनुसार मामले में सायबर सेल टीम की मदद से बदमाशों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। सतीश की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
चंद्रावतीगंज से लौट रहा था
बदमाशों की वारदात का शिकार हुए सतीश ने पुलिस को बताया कि वह मूलरुप से शाजापुर जिले के ग्राम मदाना का रहने वाला है। उसका हाल मुकाम सांईबाग कालोनी है। वह दो तालाब के समीप आईडीएफसी बैंक में कुछ सालों से काम कर रहा है। बैंक ने उसे समूह बनाने और लोन की जिम्मेदारी सौंप रखी है। शुक्रवार को उसका ऑफ था। पुरानी रिकवरी के लिये वह चंद्रावतीगंज गया था, जहां से वापस लौट रहा था।
लाखों का होता है कलेक्शन
बताया जा रहा है कि सतीश को हासामपुरा, गंगेडी, चंद्रावतीगंज, लेकोड़ा क्षेत्र से लोन कलेक्शन की जिम्मेदारी बैंक ने सौंप रखी है। वह आम दिनों में लाखों की राशि का कलेक्शन कर लौटता है। लेकिन शुक्रवार को उसका ऑफ होने पर वह कलेक्शन के लिये नहीं गया था। सिर्फ पुरानी रिकवरी के तीन हजार लेकर लौट रहा था।