इंदौर और उज्जैन नगरनिगम अधिकारियों के बीच तालमेल का अभाव
उज्जैन, अग्निपथ। बुधवार को उज्जैन और इंदौर के अधिकारियों के बीच तालमेल के अभाव में घटी इस तरह की घटना किसी दिन बड़ी दुर्घटना का रूप ले सकती है। हुआ यूं कि शिप्रा नदी किनारे सुबह करीब 10 से 11 बजे के बीच अपने परिजन की अंत्येष्टी कर रहे कुछ लोग उस वक्त परेशानी में पड़ गए, जब शिप्रा का जल स्तर अचानक बढ़ गया।
चक्रतीर्थ घाट पर पानी नहीं होने के कारण परिजनों ने घाट पर बने चबूतरे पर शव का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया और रीति रिवाज से शव का अग्नि संस्कार करने के बाद परिजन वहीं बैठ गये।
चक्रतीर्थ के शोकसभा हॉल में बैठे परिजनों का कहना था कि करीब 1 घंटे में नदी में पानी का लेवल 3 फीट तक बढ़ गया। पानी चबूतरे के लेवल से मात्र 4 इंच रह गया था इस दौरान शव के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई थी।
नदी में पानी का लेवल और अधिक बढऩे की आशंका के चलते परिजनों ने घी और अन्य सामग्री का उपयोग किया,ताकि दाह संस्कार की प्रक्रिया तेजी से पूरी हो जाए।
नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किये
इधर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि पीएचई और जल संसाधन विभाग को पता नहीं था क्या कि इंदौर में दो दिन से पानी गिर रहा है। इसलिए इन्हे इंतजाम करना चाहिए। रोजाना 30 हजार लोग शिप्रा में नहान करते है, पानी बढने से लोग परेशान होते रहे। घ़टने तक पानी पहुंच गया था।