जन्माष्टमी पर द्वारकानाथ के शाही स्वरूप में दर्शन देंगे गोपाल जी

नाथद्वारा और सूरत से मंगाई श्रृंगार सामग्री, गोपाल मंदिर पर कल से उत्सव

उज्जैन, अग्निपथ। शहर मेंं जन्माष्टमी पर्व को लेकर घरों एवं मंदिरों में तैयारियां शुरू हुई हो गई है। इस बार खास यह है कि भगवान के जन्मोत्सव का पर्व 26 अगस्त को एक ही दिन सभी प्रमुख मंदिरों में मनाया जा रहा है। भगवान की पोशाक एवं साज-सज्जा सामग्री की दुकानों पर लोग खरीदारी के लिए पहुंच रहे है। रक्षाबंधन के बाद अब जन्माष्टमी पर्व की खरीदारी से बाजारों में रौनक लौटी है। भगवान की नई पोशाक के साथ ही मोर पंख के मुकुट व झूले की मांग अधिक देखी गई। भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव इस बार 26 अगस्त की रात्रि 12 बजे प्रमुख मंदिरों में मनाया जाएगा। वहीं घरों में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाएगी।

श्री द्वारकाधीश गोपाल मन्दिर में इस बार जन्माष्टमी महोत्सव पर भगवान श्री द्वारकाधीश का राजाधिराज द्वारकानाथ के शाही स्वरूप में श्रृंगार किया जाएगा। भगवान के श्रृंगार की संपूर्ण सामग्री नाथद्वारा और सूरत से मंगाई गई है। सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के अति प्राचीन गोपाल मंदिर में भगवान द्वारकाधीश का अदभुत श्रृंगार इस जन्माष्टमी पर लोगों को देखने के लिए मिलेगा।

प्रशासक अजय राजेंद्र ढाकने ने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर भगवान के श्रृंगार की सभी सामग्री इस बार नाथद्वारा और सूरत से मंगाई गई हैं। वहीं भगवान के लिए मखमली पोशाक भोपाल से आएगी। श्रृंगार मन्दिर के पुजारी पावन शर्मा एवं सहायक मधुर शर्मा द्वारा किया जाएगा। पूरे मन्दिर को रोशनी से जगमग कर दिया गया है और भगवान के जन्मोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में है। गोपाल मंदिर में विराजमान छोटी बड़ी सभी प्रतिमाओं की साफ-सफाई पेंटिंग का कार्य कारीगर कर रहे हैं।

दो दिन मनेगा उत्सव

श्री ढाकने ने बताया कि द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। 26 अगस्त को सुबह से शाम तक भगवान के दर्शन होंगे। इसके बाद महाअभिषेक के लिए पट बंद कर दिए जाएगे। जिसमें संध्या आरती के पश्चात भगवान का अभिषेक किया जाएगा। दर्शन रात्रि 12 बजे महाआरती के बाद शुरू होंगे। जो रात्रि 2 बजे तक जारी रहेंगे। इसके बाद 27 अगस्त को नंद महोत्सव मनेगा।

बाजार में लड्डू गोपाल की नई पोशाक, मोर पंख, मुकुट लेने के लिए भीड़

पर्व को लेकर बाजारों में जगह-जगह भगवान की पोशाक और साज-सज्जा के अन्य उत्पादों की दुकानें सजी हैं। इस बार भगवान के मोर मुकुट के साथ ही कई तरह की पगड़ी को पंसद कर रहे है। मलमल, रेशम व मोतियों से सजी पोशाकें 20 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक है। वही भगवान का झूला भी 50 रु से 1000 रुपए तक बिक रहा है।

बाजारों में सजी दुकानों पर लोग साज-सज्जा की सामग्री एवं वस्त्रों के अलावा झूले और भगवान की प्रतिमा, लड्डू गोपाल आदि की खरीद कर रहे है।

शहर फ्रीगंज, गोपाल मंदिर, महाकाल मंदिर, सराफा क्षेत्र में भगवान की प्रतिमाओं, नए वस्त्र, झूले, मुकुट से दुकानें सज गई है। महिलाओं ने जमकर खरीदारी की उधर, मंदिरों में भी त्योहार को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

रत्न जड़ी पोशाक और मोरपंख की मांग

इस बार जन्माष्टमी के लिए लड्डू गोपाल को विशेष पोशाक तैयार की गई है। दुकानदार ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व के चलते भगवान की पोशाक की बिक्री शुरू हो गई है। पोशाकों की कीमत 20 रुपए से शुरू होकर 2000 तक है। वहीं झूले की कीमत 100 रुपए से शुरू है। इस बार मोरपंख लगी और डायमंड जड़ी हुई विशेष पोशाक बनाई गई हैं, जो ग्राहकों को पसंद आ रही है। वहीं मुकुट और पगड़ी भी डायमंड लगाकर बनाई गई हैं।

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