निजी लैब और प्रायवेट अस्पतालों में इलाज कराओ तो आंकड़े नहीं जुड़ेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। बारिश का मौसम आते ही डेंगू का डंक लगना शुरू हो गया है। गर्मी, बारिश और उमस के बीच यदि सामान्य व्यक्ति को तेज ठंड, बुखार, खून की कमी जैसी शिकायत मिलती है तो वह तत्काल डेंगू और मलेरिया की जांच कराएं। इन दिनों शहर में तेजी से डेंगू और मलेरिया फैल रहा है। अधिकांश लोग प्रायवेट अस्पतालों में भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं।
शहर के प्रायवेट अस्पतालों में डेंगू से पीडि़त लोग अपना उपचार करवा रहे हैं। उनको तेजी से ठंड लगकर बुखार की शिकायत हुई थी। इस तरह से शासकीय अस्पतालों में कम और प्रायवेट अस्पतालों में डेंगू से पीडि़त लोग अपना उपचार करवा रहे हैं।
हाल ही में ताजपुर के जिरोलिया और कचनारिया झाला में दो लोग डेंगू से पीडि़त मिले थे। फिलहाल दोनों स्वस्थ्य हैं। शासकीय से ज्यादा अधिकांश प्रायवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 4 से 6 मरीज डेंगू और मलेरिया के मरीज आ रहे हैं। शासकीय आंकड़ो की मानें तो अभी तक 11 डेंगू के मरीज आंकड़ों में दर्ज किये जा चुके हैं।
प्रायवेट लैब की जांच मान्य नहीं
डेंगू से पीडि़त मरीजों के आंकड़े भोपाल तक भेजे जाते हैं। लेकिन प्रायवेट लैब मे मरीजों द्वारा डेंगू अथवा मलेरिया की जांच कराई जाती है तो वह मान्य नहीं होती है। डेंगू की जांच सरकारी अस्पताल में ही कराना होती है। मलेरिया की जांच यदि मरीज द्वारा प्रायवेट लैब में स्लाइड से कराई जाती है तो मान्य की जा सकती है। हालांकि शासन द्वारा सरकारी अस्पताल में डेंगू और मलेरिया की जांच की सुविधा प्रदान की गई है। चरक अस्पताल भवन की पहली मंजिल पर स्थित लैब में ब्लड सेंपल की जांच होती है।
फागिंग मशीन कब निकलेगी बाहर
नगरनिगम के वर्कशॉप में करीब 3 फागिंग मशीन पड़े पड़े धूल खा रही हैं। लेकिन यहां के स्वास्थ्य अधिकारी मच्छरों बढ़ते प्रभाव से अंजान नजर आ रहे हैं। शहर के जनप्रतिनिधि भी इस मामले में कोई सकारात्मक पहल करते दिखाई नहीं देते हैं। हर वर्ष कुछ इसी तरह की स्थिति रहती है। फागिंग मशीनें वर्कशॉप में ही पड़ी रह जाती हैं। गर्मी मे जरूर बड़ी फागिंग मशीन को वर्कशॉप से बाहर निकला कर चौराहों पर राहत पाने के लिये ठंडे पानी की बौछार अवश्य कराई थी।