सिंधी कॉलोनी से हरिफाटक ब्रिज तक किए जा रहें निर्माण कार्यों का निगम आयुक्त ने किया निरीक्षण
उज्जैन, अग्निपथ। नगर पालिक निगम द्वारा स्पेशल असिस्टेंट अंतर्गत सिंधी कॉलोनी तिराहे से हरि फाटक ब्रिज तक लगभग 7 करोड़ लागत से मार्ग सौंदर्यकरण, चौड़ीकरण एवं सेंट्रल लाइटिंग का कार्य किया जा रहा है, जिसका रविवार को निगम आयुक्त आशीष पाठक द्वारा निगम अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान कार्य बहुत ही धीमी गति से होना पाया गया जिस पर निगम आयुक्त द्वारा संबंधित ठेकेदार एवं् सहायक यंत्री मनोज राजवानी पर नाराजगी जाहिर करते हुए ठेकेदार पर 2.50 लाख का जुर्माना किया गया साथ ही सहायक यंत्री श्री राजवानी को उक्त कार्य में लापरवाही बरतने पर कार्य से हटाया जाकर कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया।
सहायक यंत्री साहिल मेदावाला को उक्त कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाने आदेशित किया गया। कार्य के दौरान आवागमन एवं क्षेत्र के रहवासियों को समस्या ना हो, जगह जगह मार्ग को अवरूद्ध ना किया जाए, पहले एक स्थल के कार्यों को पूर्ण करते हुए कार्य आरंभ किया जाने के भी निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त पवन कुमार सिंह, उपायुक्त श्रीमती कृतिका भीमावद, संजेश गुप्ता, कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव, सहायक यंत्री मनोज राजवानी, उपयंत्री मुकुल मेश्राम उपस्थित रहे।
निगम आयुक्त ने हटवाया अतिक्रमण: रविवार को निगम आयुक्त आशीष पाठक द्वारा निगम अधिकारियों के साथ महाकाल से हरसिद्धि चौराहा क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान फूल प्रसाद विक्रेताओं द्वारा अपनी दुकानों के बाहर तक सामान रखते हुए अस्थीय अतिक्रमण किया हुआ था इससे आयुक्त द्वारा तत्काल अतिक्रमण गैंग से माध्यम से हटवाया गया। साथ ही निगम आयुक्त श्री पाठक द्वारा दुकानदारों से सामग्री अपनी दुकानों के अंदर रख कर ही विक्रय करने की हिदायत दी गई।
निगम आयुक्त द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि शहर के प्रमुख व्यस्ततम मार्गो, धार्मिक स्थलों एवं चौराहों को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाना है। निरंतर अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई की जाए साथ ही जिन क्षेत्रों में बार-बार समझाइए देने के बाद भी अतिक्रमण किया जा रहा है, वहां सीधे तौर पर सामान जप्त करते हुए चालानी कार्रवाई की जाए।
इनको किसी भी प्रकार की समझाइए देने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। यदि आवश्यकता पड़े तो पुलिस प्रशासन के सहयोग के साथ कार्रवाई की जाए ताकि किसी प्रकार की वाद विवाद की स्थिति निर्मित ना हो।