उज्जैन, अग्निपथ। संगीत मूर्धन्य पंडित विष्णु नारायण भातखंडे स्मृति प्रसंग के अवसर पर त्रिवेणी कला संग्रहालय जयसिंहपुरा में संगीत सभा आयोजित की गई।
संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश शासन एवं शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं भातखंडे गीत से हुई जिसका निर्देशन गोपाल रैकवार ने किया। कार्यक्रम के प्रथम प्रस्तुति में भोपाल से पधारे सत्येंद्र सोलंकी ने अपने संतूर वादन की प्रस्तुति दी।
सर्वप्रथम अपने विलंबित झपताल में राग मेघ मध्य लय में एकताल में निबंध रचना प्रस्तुत की एवं अंत में झाला एवं पहाड़ी धुन के साथ अपने वादन का समापन किया। इसी क्रम में अगली प्रस्तुति सागर से पधारी डॉ शांभवी शुक्ला ने अपने साथी कलाकारों इप्सा नरूला, अदिति भारद्वाज और ऋद्धि मेहर के साथ तीनताल मे कथक नृत्य की प्रस्तुति दी, कथक की शुरुआत आपने शिवपरण से की उसके पश्चात विलंबित तीनताल में शुद्ध कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया ठुमरी ने सभी दर्शकों का मनमोह लिया।
अंत में कथक नृत्य का समापन 51 चक्कर की परण से किया गया। आपके साथ गायन एवं हारमोनियम पर संगत बृजेश मिश्रा ने दी। तबले पर संगत मोहित गंगानी एवं सितार पर संगत फतेह अली ने दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पं. उमाशंकर भट्ट रहे एवं अध्यक्षता पंडित श्रीधर व्यास ने की। इस अवसर पर शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय के जन भागीदारी अध्यक्ष उमेश भट् एवं महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
संचालन डॉ. विनीता महुरकर ने किया एवं आभार कार्यक्रम संयोजक शरद सूर्यवंशी ने माना। प्राचार्य नित्यानंद श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई प्रेषित की।