इमरजेंसी और आईसीयू को भी किया शिफ्ट, मेडिसीन, ईएनटी, ओपीडी, आर्थो, डीव्हीडी, सहित अन्य सभी वार्ड चरक भवन में पहुँचे
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल का 100 साल पुराना भवन तोडऩे की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और शनिवार की रात में अस्पताल खाली करा लिया गया था। मेन इमरजेंसी कक्ष और आईसीयू वार्ड को भी खाली करा लिया गया है। दो दिन बाद अस्पताल को तोडऩा शुरू कर दिया जाएगा। सख्याराजे प्रसूतिगृह की तुड़ाई का काम शुरू हो गया है।
मेडिकल कॉलेज बनाये जाने को लेकर जिला अस्पताल को खाली करवाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के एमडी पंकज जैन ने एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया था। सिविल सर्जन और अन्य स्टाफ के प्रयासों से खाली करने का काम पूरा हो गया है। शनिवार और रविवार को भी हल्के फुल्के सामानों की शिफ्टिंग की जाती रही। पूर्व में ओपीडी, हड्डी वार्ड, ईनएनटी वार्ड, उल्टी-दस्त सहित सभी विभागों को चरक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था और कल रातभर में पूरा अस्पताल खाली करवा लिया गया है।
पूर्व में यहां पर स्थित कैंसर और दंत रोग विभाग को माधव नगर में स्थापित कर दिया है और आज सुबह पूरा अस्पताल खाली नजर आ रहा था। मरीजों को भी माधवनगर और चरक अस्पताल में भिजवाया जा चुका है। अब केवल ऑपरेशन थियेटर का कुछ सामान शिफ्ट किया जाना बाकी है। जिला अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि तुड़ाई का ठेका लेने वाली कंपनी दो दिन बाद अस्पताल के भवन को तोडऩे की प्रक्रिया शुरू कर देगी।
अस्पताल भवन को तोडऩे का ठेका 1 करोड़ 81 लाख में दिया गया है। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल का भवन लगभग 100 वर्ष पुराना है और अब यहां पर शासकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाना है।
दवाई काउंटरों की संख्या बढ़ेगी
चरक अस्पताल में जिला अस्पताल के वार्ड शिफ्ट होने के बाद यहां के दवाई काउंटरों पर मरीजों की लंबी कतारें लगने लगी हैं। जिसके चलते मरीज काफी परेशान हो रहे हैं। केवल पांच फार्मासिस्ट के भरोसे यहां के दवाई काउंटर संचालित हो रहे हैं। इनमें से 3 काउंटर सुबह, शाम को एक और रात में भी एक काउंटर 24 घंटे के लिये संचालित हो रहा है।
केवल उज्जैन में ही दवाई काउंटर है जोकि सातों दिन 24 घंटे के लिये संचालित हो रहा है। सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर के प्रयासों से इस काउंटर का संचालन शुरू हो पाया है।
चरक अस्पताल की कैंटीन में संचालित होगा किचन
जिला अस्पताल में अब केवल पीएम रूम और किचन कैंटीन ही शिफ्ट होने के लिये बाकी बचे हैं। सिविल वर्क का कार्य चरक अस्पताल में होने के बाद ही पीएम रूम शिफ्ट हो पायेगा। वहीं किचन कैंटीन का भी निर्मार्ण चरक अस्पताल में होना बाकी है। जानकारी में आया है कि चरक अस्पताल की बंद पड़ी कैंटीन में इसको शिफ्ट किया जायेगा। यहां पर एक अलग से शेड लगाया जायेगा ताकि बारिश का पानी किचन तक न पहुंच सके।
इनका कहना
पूरा जिला अस्पताल खाली हो गया है। अब केवल ओटी का कुछ सामान शिफ्ट होना बाकी है। फार्मासिस्ट की संख्या बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
– डॉ. अजय दिवाकर, सिविल सर्जन