फिर से आतंक..8 वर्षीय बालक को आवारा मवेशी ने सींग से उठाकर फेंका

परिजनों ने चरक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया, जान बची

उज्जैन, अग्निपथ। पशु क्रूरता अधिनियम अब लोगों के लिये परेशानी का सबब बनता जा रहा है। हर गली मोहल्ले में आवारा मवेशी और कुत्ते लोगों की जान लेने पर उतारू हो रहे हैं। अभी तक बोहरा समाज के ही तीन लोग आवारा कुत्ते के हमले से कालकवलित हो चुके हैं। रविवार को एक और नई घटना आनंदगंज की झिरी में घटी।

गोपाल उर्फ सांई

आनंदगंज की झिरी निवासी गोपाल उर्फ सांई पिता मोहन को रविवार को अपने घर से बाहर खेलते समय पीछे से आ रहे आवारा मवेशी ने उठाकर फेंक दिया। बच्चे को सींग से इस तरह से उठाकर फेंका गया था कि लगा कि बच्चा नहीं बच पायेगा। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी बीच परिजन और मोहल्ले के लोग उसे उठाकर चरक अस्पताल ले गये।

यहां पर बच्चों के आईसीयू में उसको भर्ती कर लिया गया। लेकिन इमरजेंसी में बैठे डॉक्टरों को लगा कि उसकी तबीयत ठीक है और किसी भी प्रकार की चोट नहीं लगी है तो उसको डिस्चार्ज कर दिया गया। जानकारी में आया है कि गोपाल के पिता मोहन बसों में फेरी लगाकर सामाना बेचने का कार्य करते हैं। गोपाल इंदौर गेट स्थित निजी स्कूल में पढ़ाई करता है।

इधर कांग्रेस ने कहा- आम जनता की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं

कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि मुख्यमंत्री के शहर उज्जैन में हर दिन मौत की खबरें अखबारों की सुर्खियां बन रहीं, और इन मौतों का कारण वो है जो शासन प्रशासन की जिम्मेदारी है। शिप्रा के नाम पर करोड़ों खर्च कर देने वाली भाजपा की सरकार शिप्रा शुद्ध करना तो छोड़ो, श्रद्धालुओंं को डूबकर मरने से नहीं बचा पा रही। समस्याओं का शहर उज्जैन जहां आवारा कुत्तों का आतंक है।

हर दिन कई लोगों को काट रहे तो कइयों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ गया। किसी के घर का दिया बुझ गया तो किसी के सर से माता पिता का साया उठ गया। आवारा मवेशी आए दिन किसी को उठा कर पट रहे। कोई अपाहिज हो गया तो कोई बिस्तर पर जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहा है। टूटी उखड़ी जानलेवा गड्डे युक्त सडक़ें, गड्ढे, बारिश के पानी में कई लोग गिरे, जख्मी हुए और अपनी गाड़ी कमाई का पैसा लगाकर ईलाज कराया। पानी गंदा आ रहा, नालियों का जहरीला पानी पी रही स्मार्ट सिटी की जनता। अंधेरी सडक़ें चोरों उठाई गिरोह के लिए वरदान साबित हो रहीं। उज्जैन शहर का अव्यवस्थित यातायात जहां हर चौराहा जाम, ट्रैफिक पुलिस के पास चालान और वसूली के अलावा ओर दूसरा नहीं कोई काम।

रवि राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और पार्षद गण कई बार ज्ञापन और धरना आंदोलन, घेराव, चक्का जाम सब कर चुके हैं, फिर भी सत्ता में काबिज जनप्रतिनिधि और समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे। भाजपा का बोर्ड, नेता, जनप्रतिनिधि जितनी सक्रियता से भाजपा का सदस्यता अभियान चला रहे हैं। उतनी सक्रियता से यदि अधिकारी, कर्मचारियों को शहर की समस्याओं से मुक्ति दिलाने में दिखाते तो शहर की जनता को समस्याओं से मुक्ति मिल जाती। लेकिन भाजपा शहर के लिए कम, संगठन के लिए ज्यादा समर्पित है।

आवारा कुत्ते नहीं… तो मवेशी पालकों पर कार्रवाई करो

आवारा कुत्ते तो शहर में बढ़ ही रहे हैं, आवारा मवेशी भी लोगों के जी का जंजाल बन रहे हैं। पशु मालिकों द्वारा इनके दूध का दोहन कर सडक़ों पर सुबह से ही छोड़ दिया जाता है। यह मोहल्लों में लोगों के घर घर चक्कर लगाकर खाने पीने के सामान की जुगाड़ में घूमती रहती है। एक ही गली में एक नहीं कई कई आवारा मवेशी घूमते रहते हैं। ऐसे में अपने घरों से बाहर निकली महिलाएं या बच्चे उनके सामने आ जाते हैं, तो दुर्घटना घटित होने में क्षण भर का समय नहीं लगता है।

पूर्व में आये कई निगम कमिश्नरों ने इन आवारा मवेशी के पालकों के उपर एफआईआर दर्ज करवाने के भी निर्देश दिये थे। लेकिन यह मुहिम भी कुछ दिन चलकर फिर राजनीति की भेंट चढ़ गई। मवेशी पर कंट्रोल करना है तो नगरनिगम और पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से सडक़ पर उतर कर कार्रवाई करना होगी। पूर्व की ही तरह आवारा मवेशी पालकों के खिलाफ भी कोई अधिनियम लाकर कार्रवाई की जायेगी तो काफी हद तक इन पर अंकुश लग सकेगा।

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