उज्जैन, अग्निपथ। शहर में जबसे शिप्रा का प्लांट को बंद किया गया है, तब से उत्तर और दक्षिण क्षेत्र के कई वार्डों की जलप्रदाय व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। मंगलवार की सुबह सुचारू जलप्रदाय व्यवस्था कराने को लेकर महापौर एमआईसी सदस्यों के साथ पीएचई कंट्रोल रूम पहुंचे और अधिकारियों को यहीं पर तलब किया। निगमायुक्त के यूनिट पर फॉर रन में व्यस्त होने के चलते वह नहीं पहुंच पाये। लेकिन लगता है कि दीपावली त्योहार के बाद एक दिन छोडक़र जलप्रदाय व्यवस्था पुन: आरंभ करना पड़ेगी।
मंगलवार को सुबह महापौर मुकेश टटवाल, एमआईसी सदस्य और जलकार्य समिति प्रभारी प्रकाश शर्मा, शिवेन्द्र तिवारी, रजत मेहता चामुंडा चौराहा स्थित पीएचई कंट्रोल रूम पहुंचे और यहां पर अधिकारियों को बुलाया। मौके पर डिप्टी कमिश्रर मनोज मौर्य, गऊघाट और गंभीर जलसंयंत्र प्रभारी राजीव शुक्ला, दक्षिण क्षेत्र जलप्रदाय प्रभारी शिवम दुबे पहुंचे।
यहां पर महापौर ने अधिकारियों से कहा कि दीपावली पर शहर की जनता को पानी नहीं मिल रहा है। शहर के लोगों को पानी नहीं पिला सकते। डिप्टी कमिश्नर मौर्य हां, हूं में जवाब देते रहे। लेकिन इस बात का कोई भी नतीजा नहीं निकल सका कि पेयजल प्रदाय व्यवस्था कैसे दुरुस्त हो सकती है।
निगमायुक्त को पहले ही बता चुके चार बिंदू
महापौर टटवाल द्वारा निगमायुक्त से चार बिंदू पेयजल प्रदाय की समस्या से निजात के लिये बताये हैं। इनमें से एक खान नदी का पानी शिप्रा में नहीं मिले, दूसरा एक दिन छोडक़र जलप्रदाय किया जाय, बंद पड़े अन्य पंपों को शुरू किया जाय और एक अन्य बिंदू पर उनको सलाह दी गई।
शिप्रा का प्लांट बंद, इसके कारण जलप्रदाय प्रभावित
शहर में बदबूदार और मैला पानी आने के कारण अधिकारियों ने शिकायत के बाद शिप्रा का प्लांट बंद कर दिया था। इसमें खान नदी का पानी मिलने के कारण ऐसा हो रहा था। जिसके कारण पानी की टंकियां नहीं भर पा रही हैं। केवल दो पंपों पर ही शहर की जलप्रदाय व्यवस्था टिकी हुई है। जिस दिन भी इनमें से एक बंद हो जायेगा, उस दिन अन्य वार्डो की भी जलप्रदाय व्यवस्था प्रभावित हो जायेगी।
इनका कहना
पेयजल व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाना अधिकारियों का काम है।
– मुकेश टटवाल, महापौर