नगर निगम चुनाव की तैयारी शहर के प्रत्येक वार्ड में शुरू हो गई है। स्थानीय स्तर पर पार्टी प्रत्याशियों की दावेदारी और चुनावी रणनीतियां तैयार की जाने लगी है। किसे हराना है किसे जिताना है, किसे बैठाना है जैसे मुद्दों पर भी तिकड़में होने लगी हैं। ऐसी ही तिकड़म शहर के आगर रोड क्षेत्र के एक वार्ड में हो रही है। यहां पर एक पूर्व विधायक के बेटे की दावेदारी को वजनदार माना जा रहा है।
यह पूर्व विधायक हाल ही में अपने आका के साथ पार्टी बदलकर सत्ताधारी पार्टी में शामिल हुए हैं और अपने बेटे को राजनीति में उतारने के लिए पार्षद का चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। राजनीतिक रणनीतिकारों का मानना है कि हाईलेबल पर उनके आका की पहुंच अच्छी है और पार्षद जैसे मामूली पद का टिकट लाना उनके लिए चुटकी बजाने के समान है।
इस कारण इस वार्ड के वर्षों पुराने कर्मठ कार्यकर्ता और पदाधिकारी अब अलग रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इन कार्यकर्ताओं की समस्या है कि जिस परिवार के खिलाफ हर चुनाव में मजबूती से मैदान संभाला, अब उस परिवार के लिए वोट मांगने कैसे जाएं। ऐसे में अधिकतर तो घर बैठे रहने का निर्णय ले चुके हैं और कुछ घेराबंदी का प्लान बना रहे हैं।