नागदा, अग्निपथ। लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार की दोपहर में बिरलाग्राम थाने के प्रधान आरक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगहाथों पकड़ा और अन्य स्थान पर ले जाकर कार्यवाही की। लोकायुक्त की इस कार्यवाही पुलिस के स्थानीय अधिकारियों व कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया। कार्यवाही के बाद लोकायुक्त ने प्रधान आरक्षक को जमानत पर छोड़ दिया।
लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देशन पर एसपी अनिल विश्वकर्मा एवं डीएसपी राजेश पाठक, सुनील तालान की संयुक्त टीम ने शनिवार की दोपहर बिरलाग्राम थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक योगेंद्रसिंह सेंगर को 4500 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। बिरलाग्राम थाने में ही वीडियोग्राफी करने के बाद लोकायुक्त टीम प्रधान आरक्षक सेंगर को गोपनीय स्थान पर ले गई और कार्यवाही को पूर्ण किया।
सेंगर थाने से ले जाने के बाद पुलिसकर्मी परेशान होते रहे, लगभग 45 मिनट बाद जानकारी लगी कि स्थानीय उद्योग के वीआईपी स्थान पर ले गए है जहां कार्यवाही की जा रही है। डीएसपी पाठक ने बताया कि ब्रजेश पिता तिलकधारी विश्वकर्मा ने शिकायत की थी, शिकायत की पुष्टि करने के लिए शनिवार को टीम नागदा पहुंची थी, ब्रजेश ने लोकायुक्त को बताया था कि कार्यवाही नहीं करने के लिए एवज एसआई आनंद सोनी के नाम पर प्रधान आरक्षक सेंगर द्वारा 4500 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।
लोकायुक्त ने सेंगर के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन2018)के अधीन प्रकरण दर्ज किया गया गया। कार्यवाही के दौरान विशाल रेशमिया, इसरार, श्याम शर्मा, संदीप कदम सहित टीम में 10 सदस्य शामिल रहे। कार्यवाही के बाद प्रधान आरक्षक सेंगर को जमानत पर छोड़ दिया गया।
इनका कहना
प्रधान आरक्षक सेंगर द्वारा एक मामले में 4500 रूपये रिश्वत मांगने की शिकायत पर टीम बिरलाग्राम थाना पहुंची वहां रंगे हाथ पकडकऱ कार्यवाही की गई। – राजेश पाठक, डीएसपी लोकायुक्त