एक बार बुलाई गई बैठक हो चुकी निरस्त, अब फिर से बैठक आहूत की
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ईईएसएल के माध्यम से एलईडी स्ट्रीट लाइट्स क्रय की गई थीं। इनका उपलब्ध कराये जाने और संधारण की जवाबदारी भी ईईएसएल के पास सन 2028 तक है। लेकिन अब इसके द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जिसके चलते महापौर ने 20 जून 2024 की मेयर इन काउंसिल की बैठक में ठहराव प्रस्ताव पास कर उपसमिति का गठन कर खरीदी गई स्ट्रीट लाइट की जांच रिपोर्ट आगामी मेयर इन काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे।
उपसमिति में उपायुक्त (प्रकाश विभाग) उज्जैन नगर पालिक निगम के साथ श्रीमती दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी अध्यक्ष, शिवेन्द्र तिवारी सदस्य, श्रीमती सुगनबाई वाघेला सदस्य, डॉ. योगेश्वरी राठौर सदस्य, जितेन्द्र कुवाल को सदस्य बनाया गया था। लेकिन दो से ढाई माह बीत जाने के बाद भी उपसमिति की बैठक नहीं हो पाई थी। इसको लेकर अध्यक्ष श्रीमती चौधरी ने 13 नवम्बर को बैठक की थी।
बैठक की विधिवत सूचना नहीं मिलने पर सचिव उपायुक्त योगेन्द्र पटेल और एमआईसी सदस्य और पार्षद योगेश्वरी राठौर नहीं पहुंच पाये थे। केवल तीन सदस्य शिवेन्द्र तिवारी, सुगनबाई पटेल और जितेन्द्र कुवाल बैठक में पहुंचे थे।
जिसके चलते अध्यक्ष चौधरी ने इस बैठक को निरस्त कर दिया था। अब एक बार फिर से उपायुक्त प्रकाश विभाग ने बैठक की सूचना उपसमिति सदस्यों को दी है। जिसके तहत 4 दिसम्बर को दोपहर 12.30 नगर निगम मुख्यालय के मीटिंग हॉल (पुराने) में बैठक का आयोजन किया जा रहा है।
ज्ञात रहे कि उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ईईएसएल के माध्यम से स्थापित की गई एलईडी स्ट्रीट लाईट्स के सम्बन्ध में जॉच किये जाने हेतु मेयर-इन-काउंसिल की उपसमिति नियुक्त करने के संबंध में शिवेन्द्र तिवारी द्वारा प्रस्तावित एवं डॉ. योगेश्वरी राठौर, सुगन वाघेला, सत्यनारायण चौहान द्वारा समर्थित प्रस्ताव इस आशय का कि मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम के तहत उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ईईएसएल के माध्यम से स्थापित की गई एलईडी स्ट्रीट लाईट्स के सम्बन्ध में जाँच किये जाने हेतु मेयर-इन-कांउसिल की उपसमिति गठित किया जाना प्रस्तावित किया था।
उज्जैन शहर में पथप्रकाश संधारण के सम्बन्ध में पार्षदगण, जनप्रतिनिधि तथा नागरिकों की अत्याधिक शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। शिकायतों के निराकरण के अभाव में जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों में नाराजग़ी थी तथा इससे निगम की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा था।
स्ट्रीट लाइट्स की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न
नगरनिगम के प्रकाश विभाग के अनुसार उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा उज्जैन शहर में ईईएसएल के माध्यम से विभिन्न वाटेज की लगभग 26000 एलईडी स्ट्रीट लाईट लगाई गई थीं। उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं ईईसीएल के बीच हुये अनुबंध के अनुसार जून 2021 से जून 2028 तक अर्थात 7 वर्षों के लिए ईईएसएल द्वारा लगाई गई लाईटों के मेंटेनेंस के लिए संधारण सामग्री ईईएसएल द्वारा ही उपलब्ध कराई जाना तथा संधारण किया जाना था।
ईईएसएल द्वारा जब से स्ट्रीट लाईट्स के फिक्चर्स लगाये गयें हैं तब से ही इन स्ट्रीट लाईट्स के बार-बार खराब होने की अत्याधिक शिकायतें प्राप्त होने से इन फिक्चर्स की गुणवत्ता पर भी प्रश्नचिन्ह है। प्रकाश विभाग के अनुसार फिक्चर्स की रिपेयरिंग के लिए जुलाई-अगस्त 2023 से संधारण सामग्री ईईएसएल (स्मार्ट सिटी) द्वारा उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं एवं तब से ही नगरनिगम में स्थापित ईईएसएल का स्टोर भी बंद है।
स्मार्ट सिटी की जगह नगरनिगम करा रहा संधारण
स्ट्रीट लाईट्स से सम्बन्धित शिकायतों के निराकरण हेतु नगर निगम स्तर पर संधारण सामग्री का उपयोग कर इन स्ट्रीट लाईट का संधारण कार्य किया जा रहा है। इन स्ट्रीट लाईट्स की संख्या अत्यधिक होने से काफी मात्रा में संधारण सामग्री लग रही है जिसके क्रय किये जाने में राशि भी अधिक लग रही है। नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी से राशि की मांग भी की गई है परंतु आज तक कोई भी राशि स्मार्ट सिटी द्वारा नगरनिगम को प्रदान नहीं की गई है।
प्रकाश विभाग द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि ईईएसएल द्वारा स्थापित 35 वॉट की लाईट बहुत छोटी होने से उसका सामान भी नहीं मिल पा रहा है। अत: इस प्रकार उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा उनके माध्यम से लगाई गए एलईडी स्ट्रीट लाईट फिक्चर्स का संधारण करने में जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही है।
संधारण के अभाव में जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों की नाराजग़ी का सामना करना पड़ रहा है एवं नगरनिगम छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अत: उक्त कारणों के दृष्टिगत जाँच करने एवं मेयर-इन-काउंसिल के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम के तहत मेयर-इन-कांउसिल की उपसमिति गठित की गई थी।