न्यायाधीश ने चार परिवारों को मिलाने में सफलता हासिल की
नागदा, अग्निपथ। वर्ष 2024 की अंतिम लोक अदालत का आयोजन शनिवार को न्यायालय परिसर में किया गया, जिसमें सबसे अधिक भीड़ नगरपालिका और विद्युत कंपनी के काउंटर पर दिखाई दी। शुभारंभ अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेश शुक्ला, प्रथम श्रेणी न्यायाधीश सुनीता ताराम, प्रथम श्रेणी न्यायाधीश सौम्या गौर, प्रथम श्रेणी न्यायाधीश हिमांशु पालीवाल, प्रथम श्रेणी न्यायाधीश सोनम शर्मा, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष विजयसिंह वर्मा, गोपालसिंह देवड़ा, प्रवीण जटिया, जैना श्रीमाल आदि मौजूद रहे।
मां सरस्वती एवं महात्मा गांधी के चित्र पर दीप प्रज्वलित का लोक अदालत का शुभारंभ किया। ना कोई हारा और ना कोई जीता की मंशा को लेकर अपसी सुलह के आधार पर प्रकरणों में समझौता हुआ। न्यायाधीश सुनीता ताराम के न्यायालय में गांव पारदी निवासी माया और पिपलोदा जावरा निवासी नवीन मालवीय में सुलह हो गई, अभिभाषक जितेंद्रसिंह कुशवाह के अनुसार लगभग चार वर्षो से पति पत्नी अलग अलग रह रहे थे, लोक अदालत के दौरान दोनों में सुलह हो गई और एक दूसरे को पुष्पमाला पहनाई।
वरिष्ठ अभिभाषक ओमप्रकाश मेतवासा, प्रेमकुमार सोनी और शैलेंद्रसिंह चौहान के प्रयासों से गवर्नमेंट कॉलोनी निवासी पति पत्नी में सुलह हो गई। अभिभाषक सोनी के अनुसार सपना और हेमंत छह वर्षो से अलग अलग रह रहे थे, लोक अदालत में एक दूसरे को पुष्पमाला पहनाकर समझौता कर लिया और हेमंत अपनी पत्नी सपना को साथ ले जाने के लिए राजी हो गया।
अभिभाषक रमेशचंद्र चंदेल के अनुसार सीमाबाई और उसके बच्चे चंचल, अमित ने भरण पोषण का दावा संजय पिता रणछोड़ पर लगाया था, वर्ष 2020 से मामला न्यायालय में विचाराधीन था, लोक अदालत में पति संजय पत्नी सीमाबाई को बच्चों सहित ले जाने को राजी हो गई। न्यायाधीश के समक्ष संजय ने पत्नी सीमा को पुष्पमाला पहनाई।
इसी तरह अभिभाषक चंदेल और प्रीति श्रीमाल के प्रयासों से भरण पोषण के एक मामले में कैलाशबाई और समरथ में राजीनामा हो गया। लगभग एक वर्ष से न्यायालय में प्रकरण चल रहा था। इसी क्रम में अभिभाषक लक्ष्मण सुंदरा ने बताया कि कैलाश शर्मा और अनिल गुर्जर ने पांच लाख रुपए के लेन देन का धारा 138 का मामला विचाराधीन था। लोक अदालत में कैलाश शर्मा और अनिल में सुलह हो गई। अनिल गुर्जर कि ओर पैरवी अभिभाषक सुंदरा ने की।