नगर निगम की गैंग शहर में नहीं दिखती, पूछो तो बताते हैं आंकड़े
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में स्ट्रीट डॉग (कुत्ते) और आवारा मवेशी (गाय) के कारण शहरवासी परेशान हैं। रात होते ही कुत्ते सक्रिय होकर दूसरे एरियों के कुत्तों से रातभर विवाद करते हैं, जिसके चलते स्थानीय रहवासियों की नींद में खलल पड़ता है। वहीं आवारा मवेशी दिन में गली मोहल्लों में हर घर के सामने चक्कर लगाती हुई, गोबर करती हुई निकलती है। जिसके चलते लोगों का सडक़ पर चलना दूभर हो रहा है।
रात होते ही आवारा कुत्तों का दल गली मोहल्लों में सक्रिय होकर दूसरे क्षेत्र के कुत्तों से भिड़ता रहता है। जिसके चलते पूरी रातभर इनके भौंकने के कारण क्षेत्र के लोगों की नींद प्रभावित हो जाती है। हालांकि नगरनिगम की आवारा श्वान पकड़ो गैंग कुत्ते पकडऩे के दावे तो करती है, लेकिन पूरे शहर में कहीं पर भी कार्रवाई करते हुए नजर नहीं आती।
नगरनिगम के अधिकारियों पर जोर डालो तो वह कानून की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैँ। साथ ही डॉग लवर्स द्वारा कानूनी कार्रवाई करने की बात भी करते हैं। ऐसे में पूरा शहर इन आवारा कुत्तों के कारण परेशान है, लेकिन इसका नगरनिगम हल नहीं निकाल पा रहा है।
आवारा मवेशियों से भी लोग परेशान
सुबह होते ही लोगों को घर से बाहर आवारा मवेशियों से सामना हो जाता है। जोकि घर के बाहर खड़ी होकर गोबर कर गंदगी कर देती हैं। खाना पान सही नहीं होने के कारण उनके गोबर से भयंकर बदबू आती है।
जय भारती स्कूल चंद का कुआं के रहवासियों ने बताया कि पशु मालिक दूध निकालने के बाद इनको छोड़ देते हैं, जोकि लोगों की परेशानी का सबब बनती हैं। ज्ञात रहे कि कई लोगों को आवारा मवेशी हास्पीटल तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन नगरनिगम के द्वारा इन पशु मालिकों के उपर शिकंजा नहीं कसा जा सका है।
वहीं सिद्धवट मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी इन आवारा मवेशियों के कारण खासे परेशान हैं। गंदगी करने के साथ ही इन पशुओं से श्रद्धालुओं को खतरा भी रहता है। यहां के पंडे पुजारी भी इनके द्वारा की हुई गंदगी के कारण परेशान हो रहे हैं, लेकिन इसका कोई भी हल नहीं निकल पाया है।